पैसे का काजल-आँचल
मिचमिचाना इत्यादि की वजह से बहुत प्रसिद्ध रहे हैं। किशोर कुमार का गाये
नगमे उन पर ज्यादा जंचते हैं और दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किए जाते रहे हैं।
इसी कड़ी में अगला नगमा है फ़िल्म आँचल का जो १९८० में आई थी।
राजेश खन्ना और रेखा की जोड़ी की कुछ फिल्में ८० के दशक में आई उनमे से
ये एक है आँचल । ये गाना गाँव के मेले की पृष्ठभूमि पर बना है।
एक आकर्षक धुन जो आपको याद रह जायेगी। इसमे कुछ अगड़म
बगड़म शब्द हैं जिनका कोई मतलब नहीं है लेकिन गाने को मधुर बनाने में
उनका योगदान जरूर है। ऐसे शब्दों का संगीतकार और गीतकार समय समय
पर उपयोग करते रहे हैं।
गाने के बोल
पैसे का काजल दई के न लो हमरी जान
लाखों की है हमरी जान बबुआ
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी ना ।
हो हो , नैना हैं चंचल, कैसे न मारेंगे बाण
हो, हम हो गए हैं जवान बबुआ,
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी ना ।
मेले में भी हम अकेले हैं , तुम हमरे संग आओ न
अरे, फिर जाते जाते ये छल्ला निशानी में दे जाओ न
आहा, छल्ला मेरा न महंगा पड़े, लुट जाओगे खड़े ही खड़े,
हो, बचाए तुम्हें राम,
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी ना ।
हो , नैना हैं चंचल, कैसे न मारेंगे बाण
हो, हम हो गए हैं जवान बबुआ,
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी ना ।
जीवन से जाओगे सैयां जो हमसे नज़र मिल गई ,
हो, कितनी दफ़ा हमरे कारन , यहीं पे छुरी चल गई
अरे , हम दिलवाले भी दिखलायेंगे,
देख लेना तुमको ले जायेंगे,
बचाएं तुम्हे राम,
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी ना ।
मैं जो इस अंचल को छोडूँ तो जग में रहा क्या मेरा
दुनिया को मालूम क्या है जो तुमसे नाता मेरा
सब झूठा है नाता तेरा, हरजाई क्या है ठिकाना तेरा
सिखाये तुझे राम,
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी ना ।
हो , नैना हैं चंचल, कैसे न मारेंगे बाण
हो, हम हो गए हैं जवान बबुआ,
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी ना ।
पैसे का काजल देके न लो हमरी जान
लाखों की है हमरी जान बबुआ
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी, झिक की नाकी
झिक की नाकी ना ।
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