जैसे राधा ने माला जपी श्याम की-तेरे मेरे सपने १९७१
इस गाने को शायद कुछ एस. डी. बर्मन के प्रशंसक
अच्छा गाना नहीं कहना चाहते। कारण जो भी हो, जैसा
मैंने अभी तक अनुभव किया है विभिन्न संगीत के
फोरम और ग्रुप में चर्चाओं के दौरान।
जिस गाने में कृष्ण, राधा का वर्णन हो और जिसमे बांसुरी जैसे
सुरीले वाद्य का प्रयोग किया गया हो वो कैसे अच्छा नहीं होगा ?
लता मंगेशकर के गाये सबसे बेहतरीन नगमों में मानता
हूँ मैं इसको। नीरज ने इस गीत को लिखा है। विजय आनंद ने
इस गाने का छायांकन किया है। कलाकार हैं मुमताज़ और देव आनंद
शादी के विडियो तैयार करने वालों को २-३ घंटे मिलते हैं
अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने को। इस गाने में वो सब
गाथा १-२ मिनट में प्रभावी तरीके से कह दी गई है।
गाने के बोल:
जैसे राधा ने माला जपी श्याम की
जैसे राधा ने माला जपी श्याम की
मैंने ओढी चुनरिया तेरे नाम की
तेरे नाम की, हो पिया तेरे ही नाम की
राधा ने माला जपी श्याम की
मैंने ओढी चुनरिया तेरे नाम की
प्रीत क्या जुड़ी,
प्रीत क्या जुड़ी, डोर क्या बंधी
बिना जतन बिना यतन
हो गई मैं नई
बिना मोल के मैं बिकी बिना दाम की
राधा ने माला जपी श्याम की
मैंने ओढ़ी चुनरिया तेरे नाम की
क्या तरंग है,
क्या तरंग है, क्या उमंग है
मोरे अंग अंग रचा
पी का रंग है
शर्म आए कैसे कहूं बात शाम की
राधा ने माला जपी श्याम की
मैंने ओढ़ी चुनरिया तेरे नाम की
पा लिया, तुझे पा लिया
पा लिया तुझे, पाई हर खुशी
चाहूं बार बार चढूं तेरी पालकी
सुबह शाम की ये प्यास बड़े काम की
राधा ने माला जपी श्याम की
मैंने ओढ़ी चुनरिया तेरे नाम की
तेरे नाम की, हो पिया तेरे ही नाम की
राधा ने माला जपी श्याम की
मैंने ओढ़ी चुनरिया तेरे नाम की
k4tua9cwfn
0 comments:
Post a Comment