हुई हमसे ये नादानी -चोर बाज़ार १९५४
जैसा कि लता-भक्त जानते हैं कि सरदार मालिक ने
भी अपनी बढ़िया धुनें लता को गाने को दीं। फ़िल्म चोर
बाज़ार में कुछ बढ़िया नगमे हैं। पी एन मालिक निर्देशित इस
फ़िल्म में शम्मी कपूर हीरो थे।
इस गीत को लिखा है शकील बदायूनी ने। छाया गीत छाप
ये गीत रात्रि में सुनने में बहुत आनंद देता है। ये फ़िल्म सन
१९५४ में आई थी । नायिका का नाम चित्रा है। ये मत पूछियेगा
कि उनकी और कौन सी हिन्दी फ़िल्में आयीं।
गीत के बोल:
हुई ये हमसे नादानी तेरी महफ़िल में आ बैठे
हुई ये हमसे नादानी तेरी महफ़िल में आ बैठे
ज़मीन की खाक़ होकर आसमान से दिल लगा बैठे
तेरी महफ़िल में आ बैठे
हुआ खून-ए-तमन्ना इसका शिक़वा क्य करें तुमसे
हुआ खून-ए-तमन्ना इसका शिक़वा क्य करें तुमसे
o शिक़वा क्य करें तुमसे
न कुछ सोचा न कुछ समझा जिगर पर तीर खा बैठे
तेरी महफ़िल में आ बैठे
ख़बर क्या थी गुलिस्तान-ए-मुहब्बत में भी खतरें हैं
ख़बर क्या थी गुलिस्तान-ए-मुहब्बत में भी खतरें हैं
मुहब्बत में भी खतरें हैं
जहाँ गिरती है बिजली हम उसी डाली पे जा बैठे
तेरी महफ़िल में आ बैठे
न क्यों अंजाम-ए-उल्फ़त देख कर आंसू निकल आये
हाय आंसू निकल आये
जहाँ को लूटने वाले खुद अपना घर लुटा बैठे
तेरी महफ़िल में आ बैठे
हुई ये हमसे नादानी तेरी महफ़िल में आ बैठे
ज़मीन की खाक़ होकर आसमान से दिल लगा बैठे
तेरी महफ़िल में आ बैठे
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