दिल की तमन्ना थी-ग्यारह हज़ार लड़कियां १९६२
भारत भूषण की छबि एक विनम्र और भोले नायक की बनी हुई है।
अगर आप पढने का चश्मा लगते हैं तो इस विडियो को चश्मा लगा
के ही देखें। दूर से आपको लगेगा कि शम्मी कपूर या जॉय मुखर्जी हैं
जो रोमांटिक गीत गा रहे हैं। इस गीत में माला सिन्हा और भारत भूषण
रोमांस करते नज़र आयेंगे आपको। ख्वाजा अहमद अब्बास निर्देशित
इस फ़िल्म के बारे में ज्यादा मसाला नहीं मिलेगा आपको पढने को ।
इस गीत को मजरूह ने लिखा, एन दत्ता ने स्वरबद्ध किया और रफ़ी ने
गाया है। रफ़ी और आशा के गाये लगभग ७०० युगल गीतों में करीब
२००-३०० कर्णप्रिय हैं। आप इस गीत को पहले १०० में शामिल कर सकते
हैं।
गाने के बोल:
र:अपना भी कोई साथी होता
अपना भी कोई साथी होता, हम भी बहकते चलते-चलते
र: दिल की तमन्ना थी मस्ती में, मंज़िल से भी दूर निकलते
अपना भी कोई साथी होता, हम भी बहकते चलते-चलते
र:हो, दिल की तमन्ना थी मस्ती में, मंज़िल से भी दूर निकलते
दोनों:अपना भी कोई साथी होता, हम भी बहकते चलते-चलते
हो, दिल की तमन्ना थी
आ: होते कहीं, हम और तुम, ख्वाबों की रँगीन वादी में गुम
होते कहीं, हम और तुम, ख्वाबों की रँगीन वादी में गुम
र: फिर उन ख्वाबों की वादी से, उठते आँखें मलते-मलते
दोनों:दिल की तमन्ना थी मस्ती में, मंज़िल से भी दूर निकलते
अपना भी कोई साथी होता, हम भी बहकते चलते-चलते
हो, दिल की तमन्ना
र: हँसती ज़मीं, गाते कदम, चलते नज़ारे, चलते जो हम
हँसती ज़मीं, गाते कदम, चलते नज़ारे, चलते जो हम
आ: रुकते हम तो रुक-रुक जाता, ढलता सूरज ढलते-ढलते
दोनों:दिल की तमन्ना थी मस्ती में, मंज़िल से भी दूर निकलते
अपना भी कोई साथी होता, हम भी बहकते चलते-चलते
हो, दिल की तमन्ना
र: और शाम-ऐ-गम बनके अगर दुःख के अंधेरे करते सफल
आ: राहों के दीपक बन जाते प्यार भरे दिल जलते जलते
दोनों:दिल की तमन्ना थी मस्ती में, मंज़िल से भी दूर निकलते
अपना भी कोई साथी होता, हम भी बहकते चलते-चलते
हो, दिल की तमन्ना
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Dil ki tamanna thi masti mein-Gyarah Hazaar ladkiyan 1962
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