Nov 22, 2009

हम तुम्हारे लिए-इंतकाम १९६९

लता और रफ़ी ने करीब ४२५ युगल गीत गाये हैं। ये आंकड़ा आपको
शायद बार बार देखने को मिले। पिछली एक पोस्ट में हमने फ़िल्म
इंतकाम के चर्चा करी थी। इस बार ये गाना जो है वो एक युगल गीत
है और फ़िल्म के हीरो और हिरोइन पर फिल्माया गया है। अगर इस फ़िल्म
का संगीत रवि द्वारा तैयार किया गया होता तो शायद गायिका आशा भोंसले
होती । याद कीजिये फ़िल्म एक फूल दो माली के गाने।

 जानकारी इकठ्ठा करने के शौक़ीन ऊपर दिए आंकडे को नोट कर सकते
हैं. इस ब्लॉग के हिंदी जुमलों का अनुवाद आपको शायद अंग्रेजी में
दूसरी  जगह मिल जाए तो चौंकियेगा मत.

ये लोकप्रिय युगल गीत है और झुमरी तलैया, बरकाकाना, मजनू का टीला
वगैरह से इस गाने के लिए विविध भरती पर कई फरमाइशें आती थी एक
ज़माने में। ७० के दशक के आते आते हिरोइन के सर पर जो चिड़िया के
घोंसले सा विग होता था वो गायब होने लगा। ये गीत राजेंद्र कृष्ण का लिखा
हुआ है और इसकी धुन बनाई है लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल ने ।



गाने के बोल:

हम तुम्हारे लिए, तुम हमारे लिए
हम तुम्हारे लिए, तुम हमारे लिए
फ़िर जमाने का क्या है, हमारा ना हो

आप के प्यार का, जो मिले आसरा
आप के प्यार का, जो मिले आसरा
फ़िर खुदा का भी बेशक सहारा ना हो

हम तुम्हारे लिए, तुम हमारे लिए

तुम ही हो दिल में, तुम ही हो मेरी निगाहों में
न और आयेगा अब कोई मेरी राहों में
करूं ना आरजू
करूं ना आरजू, मरने के बाद जन्नत की
अगर ये जिंदगी गुजरे तुम्हारी बाहों में
तुम्हारी बाहों में
प्यार के चाँद से, रात रोशन रहे
प्यार के चाँद से, रात रोशन रहे
फ़िर कोई आसमान पे सितारा ना हो

हम तुम्हारे लिए, तुम हमारे लिए

नजर नजर से, कदम से कदम मिलाते हुए
चले हैं वक्त की रफ़्तार को भुलाए हुए
बहार पूछ रही है
बहार पूछ रही है, चमन के फूलों से
ये कौन आया के तुम सब हो सर ज़ुकाए हुए
हो सर ज़ुकाए हुए
सोच में फूल है, हम अगर चल दिए
फ़िर चमन में कभी ये नजारा ना हो

हम तुम्हारे लिए, तुम हमारे लिए
फ़िर जमाने का क्या है, हमारा ना हो

आप के प्यार का, जो मिले आसरा
फ़िर खुदा का भी बेशक सहारा ना हो

हम तुम्हारे लिए, तुम हमारे लिए
हम तुम्हारे लिए, तुम हमारे लिए
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Ham tumhare liye-Inteqam 1969

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