मैं तेरी हो गई-खून पसीना १९७७
अमिताभ बच्चन को एक फ़िल्म में शेर से लड़ते दिखाया
गया है । फ़िल्म का नाम है खून पसीना। उस लड़ाई के ख़त्म
होने के बाद ये गीत है। हिरोइन, बिना किसी ऐसे बहादुरी के
काम के, लट्टू नहीं होने वाली थी हीरो पर। काफ़ी समृद्ध किस्म
का गाँव का मेला है ये, यहाँ शेर भी मिल जाता है देखने के लिए।
कर्णप्रिय गीत है और इसमे रेखा का अभिनय लाजवाब है। बोल
अनजान के हैं, आवाज़ लता मंगेशकर की और धुन बनाई है
कल्याणजी आनंदजी ने ।
गीत के बोल:
मैं तेरी हो गई, तू मेरा हो गया
तू मेरा हो गया, मैं तेरी हो गई
तू मेरा हो गया, मैं तेरी हो गई
अब तू कहेगा जो भी तू
मैं करूंगी वो ही।
मेरी बातों पे
मेरी बातों पे तुझको भरोसा न हो
मेरी बातों पे तुझको भरोसा न हो
कोरे कागज़ पे मुझसे करा ले सही
कोरे कागज़ पे मुझसे करा ले सही
तू मेरा हो गया
होनी थी जो बात अकेले में
मेरे साथ हुई वो मेले में
क्यूँ तुझसे शर्त लगा बैठी
पड़ गई मेरी जान झमेले में
अब तक मैंने की मैंने मनमानी
अब तक मैंने की मैंने मनमानी
मानी हर कभी न मानी
ये है कल की बात पुरानी, हो हो हो
ये है कल की बात पुरानी
अब तो हुई तेरी दीवानी
मेरी बातों पे
मेरी बातों पे तुझको भरोसा न हो
कोरे कागज़ पे
कोरे कागज़ पे मुझसे करा ले सही
कोरे कागज़ पे मुझसे करा ले सही
तू मेरा हो गया, मैं तेरी हो गई
बदनाम करें तो लोग करें
दिल ने कहा मैंने मान लिया
मैं तो पीट ढिंढोरा कह दूँगी
तू है मेरा पिया, तू है मेरा पिया
जैसे नगन जोगी बस में
जैसे नगन जोगी बस में
वैसे हुई मैं तेरे बस में
बंधी डोर प्यार की तुझसे, हो हो हो
बंधी डोर प्यार की तुझसे
तोड़ी दुनिया की सब रस्में
मेरी बातों पे
मेरी बातों पे तुझको भरोसा न हो
कोरे कागज़ पे
कोरे कागज़ पे मुझसे करा ले सही
कोरे कागज़ पे मुझसे करा ले सही
तू मेरा हो गया, मैं तेरी हो गई
बिन डोली चढ़े बनी तेरी दुल्हन
तेरी प्रीत से मांग भरी सजना
तेरे प्यार से रूप संवार लिया
भूली बिंदिया, कजरा, कंगना
मन मन्दिर में तुझे बिठाऊँ
मन मन्दिर में तुझे बिठाऊँ
तुझपे प्यार के फूल चढ़ाऊँ
तू जो एक इशारा कर दे, हो हो हो
तू जो एक इशारा कर दे
सारी दुनिया को ठुकराऊँ
मेरी बातों पे
मेरी बातों पे तुझको भरोसा न हो
कोरे कागज़ पे
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