मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है-यास्मीन १९५५
वैजयंतीमाला ने इस फिल्म की शीर्षक भूमिका निभाई थी। फिल्म
यास्मीन कर्णप्रिय गीतों से भरी फिल्म है। सी. रामचंद्र ने काफी
मेहनत की इसके संगीत पर। जैसा कि होता आया है फिल्म पिटी
तो उसके संगीतकार को भी ख़ास फ़ायदा नहीं होता। बावजूद इस तथ्य
के, इस फिल्म के गीत मधुर संगीत के दीवानों के दिलो-दिमाग में
घर कर गए। इस गीत का विडियो तो मुझे दिखा नहीं यू ट्यूब पर,
मगर इसका वाद्य संस्करण एक संगीतप्रेमी ने ज़रूर डाला है, उसी से
आनंद उठाइए। बोलों और सुरों का आदर्श संगम इसको कहते हैं।
गीत के बोल लिखे हैं जान निसार अख्तर ने और इसको गाया है
लता मंगेशकर ने। इस गीत की गिनती सदाबहार गीतों में की
जाती है।
गीत के बोल:
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है
ए मुहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है
उसने ठानी है ज़ुल्म धाने की
मुझ में हिम्मत है गम उठाने की
खुश हो, ए दिल! तुझे मिटाने की, मिटाने की
आज उसने क़सम तो खाई है
ए मुहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है
तू हुआ दिल से कब जुदा कह दे
मुझसे क्यों हो गया खफा कह दे
तू ही इन्साफ से ज़रा कह दे, ज़रा कह दे
किसने शर्त-ए-वफ़ा भुलाई है
ए मुहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवाफाई है
है गवारा तेरा सितम मुझको
हर जफा है तेरी करम मुझको
जान जाए, नहीं है गम मुझको
जब मुहब्बत पे बात आई है
ए मुहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इलज़ाम-ए-बेवफाई है .
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