सजना सजना ओ सजना-एक फूल दो माली १९६९
और गीत। ये ऐसे गीत होते थे जिसमे हिरोइन का जूडा उसके
चेहरे से ३ गुना बड़ा हुआ करता था, जैसे उसके आगे को झुकने
वाली गर्दन का weight balance किया गया हो।
वर्षों पहले एक महिला जिनको हम आंटीजी कहा करते थे, वो
जबरिया लचक के चलने की बीमारी से ग्रसित थीं। उनकी चाल
कुछ ऐसी ही हुआ करती थी जैसी इस गीत के शुरू में नायिका
की है। उनको देख कर इस गाने की याद आ जाया करती। गीत
मधुर है और कभी कभार आज भी किसी कोने में बजता सुनाई
दे जाता है। आशा भोंसले के गाये इस गीत की धुन बनाई है रवि
ने । फिल्म एक फूल दो माली में इसको परदे पर फिल्माया गया
है साधना और संजय खान पर।
गीत के बोल:
सजना सजना ओ सजना
तेरे प्यार में मैं खो गयी सजना
तेरे ही कारण बनी रे जोगन
अब होना है जो भी हो सजना
अब ये लागी छूटे ना। अब ये बंधन टूटे ना
सजना सजना ओ सजना
तेरे प्यार में मैं खो गयी सजना
तेरे ही कारण बनी रे जोगन
अब होना है जो भी हो सजना
अब ये लागी छूटे ना, अब ये बंधन टूटे ना
मिलते ही नैन गया चैन मेरी रातों का
चल गया जादू तेरी प्यार भरी बातों का
मिलते ही नैन गया चैन मेरी रातों का
चल गया जादू तेरी प्यार भरी बातों का
सजना सजना ओ सजना
तेरे प्यार में मैं खो गयी सजना
तेरे ही कारण बनी रे जोगन
अब होना है जो भी हो सजना
अब ये लागी छूटे ना, अब ये बंधन टूटे ना
बैरी पपीहा जब पियु पियु गाये रे
लागे वो बाण मेरी जान चली जाए रे
बैरी पपीहा जब पियु पियु गाये रे
लागे वो बाण मेरी जान चली जाए रे
सजना सजना ओ सजना
तेरे प्यार में मैं खो गयी सजना
तेरे ही कारण बनी रे जोगन
अब होना है जो भी हो सजना
अब ये लागी छूटे ना। अब ये बंधन टूटे ना
दुनिया के मेले अकेले देखे ना जायेंगे
तेरे ही संग पिया रंग सारे बहायेंगे
दुनिया के मेले अकेले देखे ना जायेंगे
तेरे ही संग पिया रंग सारे बहायेंगे
सजना सजना ओ सजना
तेरे प्यार में मैं खो गयी सजना
तेरे ही कारण बनी रे जोगन
अब होना है जो भी हो सजना
अब ये लागी छूटे ना। अब ये बंधन टूटे ना
सजना सजना ओ सजना
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Sajna sajna o sajna-Ek phool do mali
Artists: Sadhna, Sanjay Khan,
2 comments:
कोरोना कोरोना ए कोरोना
तेरी चाल से हम परेशान कोरोना
तेरे ही कारण घर में हैं बंद
अब और ना करो परेशान कोरोना
वापस जाओ कोरोना
जहां से आये कोरोना
अब देखना ये हैं कौन इसको फेसबुक पर जा के चिपकाता है.
निश्चिन्त रहें. ये कुदरत की मार है और जो कलाकारी
दिखलायेगा वो इसका फल अवश्य ही पायेगा. वक्त की
मार कब, कैसे और कहाँ पड़ेगी ये कोई नहीं समझ
पाया. त्रिकालदर्शी तो गिने चुने हैं संसार में और वे
जबरन दूसरों को सताया नहीं करते.
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