जिसके लिए सबको छोड़ा-साजन की सहेली १९८१
अंग्रेजी में इसको कहते हैं-betrayal। उर्दू शब्द से हमें सीधे समझ
आता है कि शब्द का मतलब क्या है। हिंदी गानों में अक्सर बेवफा,
बेवफाई शब्द सुनाई देते हैं। इसी प्रकार साजन और सजनी का
मतलब हमें मालूम है। इसके अलावा जो तीसरा चरित्र है उसको
फिल्म ने अच्छा नाम दिया है-साजन की सहेली।
अभी हमें एक परिभाषा सुनना बाकी है-सजनी का सहेला। इस गीत
में सहेली सहेला दोनों हैं। रेखा सहेली हैं तो राजेंद्र कुमार सहेला।
विनोद मेहरा और नूतन की भावनाओं को ठेस लगायी जा रही हैं
गीत में। विनोद मेहरा अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए गाना शुरू
करते हैं और रेखा उन्हें जवाब देती हैं। फिल्मों में नायिका के मुखर
होने का एक अच्छा उदाहरण है ये । सुलक्षणा पंडित और रफ़ी इस
गीत के गायक कलाकार हैं। गीत लिखा है मजरूह सुल्तानपुरी ने
और संगीत तैयार किया है उषा खन्ना ने।
गीत के बोल:
जिसके लिए सबको छोड़ा
उसी ने मेरे दिल को तोडा
जिसके लिए सबको छोड़ा
उसी ने मेरे दिल को तोडा
वो बेवफा, वो बेवफा
किसी और के साजन की सहेली हो गयी
तुझसे प्यारा कोई मिला
छोड़ा तुझे तो क्यूँ हैं गिला
तुझसे प्यारा कोई मिला
छोड़ा तुझे तो क्यूँ हैं गिला
मैं बेवफा
ओ मैं बेवफा
किसी और के साजन की सहेली हो गयी
जिसके लिए सबको छोदा
उसी ने मेरे दिल को तोडा
ला ला ला, ला ला ला,
ला ला ला ला ला रा ला ला
देखो क्या खुश हो के
पायल को झनकारे
जलके राह जाए दिल
ऐसे करे इशारे
देखो क्या खुश हो के
पायल को झनकारे
जलके राह जाए दिल
ऐसे करे इशारे
आ के मेरे सितमगर
गैर के दिल में बस के
कैसी बेशर्मी से
बात करे हंस हंस के
कैसे कहूं क्या हो गया
कल मेरा दिल थी जो दिलरुबा, हाँ
कैसे कहूं क्या हो गया
कल मेरा दिल थी वो दिलरुबा
वो बेवफा, ओ बेवफा
किसी और के साजन की सहेली हो गयी
हो,तुझसे प्यारा कोई मिला
छोड़ा तुझे तो क्यूँ हैं गिला
मैं तो हूँ इक तितली
उड़ने फिरने वाली
कैसे रहूंगी बैठी
एक ही दिल की डाली
मैं तो हूँ इक तितली
उड़ने फिरने वाली
कैसे रहूंगी बैठी
एक ही दिल की डाली
जब एक से एक बढ़ के
हैं प्यार के नज़ारे
फिर क्यूँ ना लहराऊँ
क्यूँ ना करूं इशारे
कैसी शर्म कैसी हया
जबसे मिला है साथी नया
कैसी शर्म कैसी हया
जबसे मिला है साथी नया
मैं बेवफा, हो मैं बेवफा
किसी और के साजन की सहेली हो गयी
जिसके लिए सबको छोड़ा
उसी ने मेरे दिल को तोडा
प्यार नशा है ऐसा
जिसपे छा जाता है
आस पास भी उसको
कम ही नज़र आता है
प्यार नशा है ऐसा
जिसपे छा जाता है
आस पास भी उसको
कम ही नज़र आता है
माना के मेरे दिल में
प्यारी सी इक लड़की
आन बसी है फिर से
बन के शमा मेरे घर की
चाहा उसे तो क्या हुआ
इसमें किसी का जाता है क्या
चाहा उसे तो क्या हुआ
इसमें किसी का जाता है क्या
ओ बेवफा
ओ मैं बेवफा
किसी और के साजन की सहेली हो गई
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Jiske liye sabko chhoda-Sajan ki saheli 1981
Artists: Rekha, Rajendra Kumar, Vinod Mehra, Nutan
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Wonderful
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