ना जा मेरे हमदम- प्यार का मौसम १९६९
नासिर हुसैन की इस फिल्म में बढ़िया फ़िल्मी मसाले थे।
संपूर्ण मनोरंजन का वादा था शायद। इस चर्चित फिल्म
के थोड़े ग़मगीन लम्हों में से एक है ये गीत जो नायिका
(आशा पारेख) गीत गा रही हैं फिल्म के नायक(शशि कपूर)
के लिए। नायक गिटार अपने कंधे पे रखे हाथ में सूटकेस
लिए चला जा रहा है(गीत के अंत में वापस आने के लिए)।
लता मंगेशकर के गाये इस गीत की धुन बनाई है संगीतकार
आर डी बर्मन ने। बोल मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे हैं।
गीत के बोल:
ना जा,ना जा, ना जा
हो हो ओ ओ
ना जा, ना जा
हो हो ओ ओ, हो हो ओ ओ
ना जा ओ मेरे हमदम
ना जा ओ मेरे हमदम
सुनो वफ़ा की पुकार
छोड़ के मेरा प्यार
ना जा ओ मेरे हमदम
मैं अकेली हूँ ज़माने में
मेरी दुनिया से जाओ ना
मेरे होंठों को हंसी दे के
हंसी हंसी में रुलाओ ना
गयी बातों को भुला भी दे ओ मेरे सनम
ना जा ओ मेरे हमदम
सुनो वफ़ा की पुकार
छोड़ के मेरा प्यार
ना जा ओ मेरे हमदम
तेरे दिल की उदासी को
जुल्फों से महका दूँगी
तेरी सूनी सूनी बाँहों में
गोरा मुखड़ा सजा दूँगी
अब आयेंगे जो लौट के तेरे कदम
ना जा ओ मेरे हमदम
सुनो वफ़ा की पुकार
छोड़ के मेरा प्यार
ना जा ओ मेरे हमदम
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