अरे जा रे नटखट-नवरंग १९५९
फिल्म नवरंग। इस फिल्म में लता मंगेशकर का एक भी गीत नहीं
है। मन्ना डे, आशा भोंसले और महेंद्र कपूर की आवाजों का बेहतर
इस्तेमाल करके सी रामचंद्र ने अद्भुत रचनाएँ की। इस फिल्म का
एल पी रिकॉर्ड आपको संगीत प्रेमियों के खजाने में अवश्य मिलेगा।
वी शांताराम की इस फिल्म का संगीत लोकप्रियता की चरम सीमा
तक पहुंचा।
फिल्म का होली गीत बहुत लुभावना है और इसका छायांकन भी दमदार
है। वी शांताराम की बाकी फिल्मों के नृत्य की तरह इसमें भी नायिका
जिमनास्टिक्स के अंदाज़ वाला नृत्य कर रही है। ऐसा उनकी फिल्मों में
क्यूँ होता है ये रिसर्च का विषय हो सकता है ।
गीत के बोल:
धागे ना तिनक धिन
धागे ना तिनक धिन
धागे ना तिनक धिन
अटक अटक झटपट पनघट पर
चटक मटक इक नार नवेली
गोरी गोरी ग्वालन की छोरी चली
चोरी चोरी मुख मोरी मोरी मुस्काये अलबेली
कंकरी गले में मारी कंकरी कन्हैया ने
पकरी बांह और की अटखेली
भरी पिचकारी मारी
सा रा रा रा रा रा रा रा
भोली पनिहारी बोली
आ रा रा रा रा रा रा रा
अरे जा रे हट नटखट
ना छू रे मेरा घूंघट
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे
अरे जा रे हट नटखट
ना छू रे मेरा घूंघट
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे
मुझे समझो ना तुम भोली भाली रे
ध रा रा रा रा रा रा रा
आया होली का त्यौहार
उड़े रंग कई बौछार
तू है नार नखरेदार मतवाली रे
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे
हो ओ ओ, हाँ हाँ हाँ
हा आ आ आ
हो ओ ओ ओ ओ ओ
तक तक ना मार पिचकारी की धार
हो ओ ओ ओ ओ ओ
तक तक ना मार पिचकारी की धार
कोमल बदन सह सके ना ये मार
तू है अनाड़ी बड़ा ही गंवार
कजरे में तूने अबीर दिया डार
तेरी झकझोरी से बाज़ आई होरी से
चोर तेरी चोरी निराली रे
मुझे समझो ना तुम भोली भाली रे
अरे जा रे हट नटखट
ना छू रे मेरा घूंघट
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे
मुझे समझो ना तुम भोली भाली रे
हो ओ ओ ओ ओ ओ
धरती है लाल आज अम्बर है लाल
हो ओ ओ ओ ओ ओ
धरती है लाल आज अम्बर है लाल
उड़ने दे गोरी गालों का गुलाल
मत लाज का आज घूंघट निकाल
दे दिल की धड़कन पे धिनक धिनक ताल
झांझ बजे शंख बजे
संग में मृदंग बजे
अंग में उमंग खुशियाली रे
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे
अरे जा रे हट नटखट
ना छू रे मेरा घूंघट
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे
मुझे समझो ना तुम भोली भाली रे
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Are ja re hat natkhat-Navrang 1959
Artist: Sandhya
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