Apr 29, 2010

तुमसे दूर रह के-अदालत १९७६

पुरानी अदालत का एक गीत आपने सुना। आइये नयी अदालत
फिल्म(१९७६) से एक युगल गीत सुना जाए। नरेन्द्र बेदी निर्देशित
इस फिल्म में अमिताभ का डबल रोल है । नरेन्द्र बेदी की बतौर
निर्देशक ये आठवीं फिल्म थी। अमिताभ बच्चन और नीतू सिंह पर
फिल्माया गया ये गीत लता और रफ़ी की आवाज़ में है। इसका
संगीत तैयार किया है कल्याणजी आनंदजी ने।

ये संभवतः इस फिल्म का सबसे ज्यादा बजने वाला गीत है। इस
गीत को मैं कभी  कभी सुन लिया करता हूँ। इस फिल्म के लेखक
भी वही हैं। फिल्म  ज्यादा नहीं चली लेकिन अमिताभ के महानायक
बनने के बाद उनके प्रशंसकों ने इस फिल्म को एक बार ज़रूर देखा।
गीत लिखा है  गुलशन बावरा ने ।

अमिताभ बच्चन जितनी चुस्ती से इस गीत में दौड़ लगा रहे हैं
वैसी ही चुस्ती से उन्होंने फिल्म शक्ति(१९८३) के गीत 'जाने कैसे
कब कहाँ' में भी लगायी थी।



गीत के बोल:

ओ तुमसे दूर रह के
हो ओ तुमसे दूर रह के हमने जाना प्यार क्या है
दिल ने माना यार क्या है

हो ओ तुमसे दूर रह के
हो ओ तुमसे दूर रहके हमने जाना प्यार क्या है
दिल ने माना यार क्या है,

हो हो हो ओ
ओ तुमसे दूर रहके

तुमको पा के ना पहलू में लगता था यूँ
जीते हैं किस लिए और जिंदा है क्यूँ

हम भी रहते थे बेचैन से हर घडी
बिन तुम्हारे तो वीरान थी ज़िन्दगी
बिन तुम्हारे तो वीरान थी ज़िन्दगी

हो ओ तुमसे दूर रह के
हो ओ तुमसे दूर रह के हमने जाना प्यार क्या है
दिल ने माना यार क्या है

हो तुमसे दूर रह के
हो ओ तुमसे दूर रह के

दूरियां किस लिए मिल गए हैं जो हम
अब तो होने दो अरमान पूरे सनम
अब तो होने दो अरमान पूरे सनम

वक़्त आने पे मिट जायेंगी दूरियां
जब ना होंगी ज़माने से मजबूरियां
जब ना होंगी ज़माने से मजबूरियां

हो ओ तुमसे दूर रह के
हो ओ तुमसे दूर रह के हमने जाना प्यार क्या है
दिल ने माना यार क्या है

हो तुमसे दूर रह के
हो ओ तुमसे दूर रह के
...................................................
Ho tumse door reh ke-Adalat 1976

Artists: Amitabh Bachchan, Neetu Singh

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