Nov 6, 2010

मैंने देखी जग की रीत-सुनहरे दिन १९४९

पुराने गीतों का खज़ाना नायब रत्नों से भरा हुआ है इसमें कोई संशय
संशय नहीं। इस खजाने को कई नामचीन संगीतकारों ने भरा
तो कुछ अनमोल रत्न अनजान से संगीतकारों ने भी डाले।

ज्ञान दत्त पहली पीढ़ी के संगीतकारों में जाना पहचाना नाम है। ४० के
दशक में उनकी तूती बोला करती थी। उनका नाम आज की पीढ़ी के लिए
अनजान सा हो सकता है मगर उनके संगीत का जादू एक बार असर कर
गया तो सुननेवाला उनके गीत कभी नहीं भुला पाता। उनका संगीतबद्ध
किया एक गीत मैं आपको पहले सुनवा चुका हूँ भक्त सूरदास फिल्म
का-पंछी बावरा। प्रस्तुत गीत है अपने ज़माने का एक चर्चित युगल गीत।
शमशाद बेगम और मुकेश का गाया ये गीत आज भी ताज़ा लगता है।

शमशाद की तीखी आवाज़ के साथ मुकेश की ठंडक पहुँचाने वाली बोली का
अनोखा मिश्रण है ये। इन दोनों ने और भी कई युगल गीत गाये हैं। विडियो
के साथ एकदम सटीक कमेन्ट है एक संगीतप्रेमी का।



गीत के बोल:

मैंने देखी जग की रीत
मीत सब झूठे पड़ गए
हो ओ ओ, मेरे बालम इतना दोष
कि तुम संग नैना लड़ गए
मीत सब झूठे पड़ गए
हो ओ ओ, मेरे बालम इतना दोष
कि तुम संग नैना लड़ गए
मीत सब झूठे पड़ गए

मैंने देखी जग की रीत
मीत सब झूठे पड़ गए

रसिया सताए हमें अब जान-जान के
बड़ा दुःख पाया मैंने दिल का कहा मान के
रसिया सताए हमें अब जान-जान के
बड़ा दुःख पाया मैंने दिल का कहा मान के
हो ओ ओ, तेरी meri प्रीत पुरानी रे
बालम काहे बिगड़ गए
मीत सब झूठे पड़ गए
हो ओ ओ, तेरी मेरी प्रीत पुरानी रे
बालम काहे बिगड़ गए
मीत सब झूठे पड़ गए

मैंने देखी जग की रीत
मीत सब झूठे पड़ गए

एक दिल दुःख ज़माने भर के
हाय रे ज़माने भर के
हम तो भरोसे रे रसिया
हैं बस तुम्हारे दर के
हाय रे तुम्हारे दर के
हो ओ ओ, मेरे भोले दिल पे सजन क्या जादू कर गए
मीत सब झूठे पड़ गए
हो ओ ओ, मेरे भोले दिल पे सजन क्या जादू कर गए
मीत सब झूठे पड़ गए

मैंने देखी जग की रीत
मीत सब झूठे पड़ गए

आये भी वो गए भी
आये भी वो गए भी
मेरे दिल की रह गई दिल में
नसीबी भर के बतियाँ
गुज़री रो रो के रतियाँ
मेरे दिल की रह गई दिल में
नसीबी भर के बतियाँ
गुज़री रो रो के रतियाँ
अब जिया पुकारे आ जा
अब जिया पुकारे आ जा
आ जा दोनों नैना भर गए
मीत सब झूठे पड़ गए

मैंने देखी जग की रीत
मीत सब झूठे पड़ गए

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