Nov 13, 2010

सर जो तेरा चकराए-प्यासा १९५७

ये गीत है एक क्लासिक फिल्म से। गुरु दत्त की लगभग
सारी फिल्मों को क्लासिक का दर्जा प्राप्त है। प्यासा फिल्म
को महान फिल्म का दर्ज़ा प्राप्त है। इस फिल्म के गीत साहिर
के लिखे हुए हैं और संगीत है सचिन देव बर्मन का। ये गीत
फिल्म के कुछ खुशनुमा हिस्सों में से एक है। फिल्म में एक
गीत गीता दत्त का भी है जो हलके फुल्के मूड में गाया गया है
इसके अलावा अधिकाँश मसाला फिल्म में गंभीर किस्म का है ।
धुन के बारे में कहा जाता है की ये एस. डी. पुत्र पंचम द्वारा बनाई
गई थी। अब बहुत सारे लोग कहते हैं तो हम भी मान लेते हैं । धुन
भले ही पंचम की हो मगर इसकी फिनिशिंग बड़े बर्मन साहब की
ही है। गायक हैं रफ़ी और परदे पर होंठ हिलाने वाले कलाकार हैं
जॉनी वाकर । 'तेल मालिश' और 'चम्पी' को बड़े परदे पर ला के
उसकी शान बधाई गई है इसके लिए फिल्म के निर्देशक बधाई के
पात्र हैं। जॉनी वाकर ने अपनी सौम्य हास्य अदाओं से इस
गीत को अमर बना दिया है।



गीत के बोल:

मालिश, तेल मालिश, चम्पी

सर जो तेरा चकराए, या दिल डूबा जाए
आ जा प्यारे पास हमारे, काहे घबराये, काहे घबराये
मालिश, तेल मालिश
सर जो तेरा चकराए, या दिल डूबा जाए
आ जा प्यारे पास हमारे, काहे घबराये, काहे घबराये

तेल मेरा है मुश्की, गंज रहे ना खुश्की
जिस के सर पर हाथ फिरा दूं चमके किस्मत उसकी
तेल मेरा है मुश्की, गंज रहे ना खुश्की
जिस के सर पर हाथ फिरा दूं चमके किस्मत उसकी
सुन सुन सुन, अरे बेटा सुन, इस चम्पी में बड़े बड़े गुण
सुन सुन सुन, अरे बेटा सुन, इस चम्पी में बड़े बड़े गुण
लाख दुखों की एक दवा है क्यूँ ना आजमाए
काहे घबराये, काहे घबराये

सर जो तेरा चकराए, या दिल डूबा जाए
आ जा प्यारे पास हमारे, काहे घबराये, काहे घबराये

प्यार का होवे झगडा, या बिज़नस का हो रगडा
सब लफड़ों का बोझ हटे जब पड़े हाथ इक तगड़ा
प्यार का होवे झगडा, या बिज़नस का हो रगडा
सब लफड़ों का बोझ हटे जब पड़े हाथ इक तगड़ा
सुन सुन सुन, अरे बाबू सुन, इस चम्पी में बड़े बड़े गुण
सुन सुन सुन, अरे बाबू सुन, इस चम्पी में बड़े बड़े गुण
लाख दुखों की एक दवा है क्यूँ ना आजमाए
काहे घबराये, काहे घबराये

सर जो तेरा चकराए, या दिल डूबा जाए
आ जा प्यारे पास हमारे, काहे घबराये, काहे घबराये

नौकर हो या मालिक, लीडर हो या पब्लिक
अपने आगे सभी झुके हैं, क्या राजा क्या सैनिक
नौकर हो या मालिक, लीडर हो या पब्लिक
अपने आगे सभी झुके हैं, क्या राजा क्या सैनिक
सुन सुन सुन, अरे राजा सुन, इस चम्पी में बड़े बड़े गुण
सुन सुन सुन, अरे राजा सुन, इस चम्पी में बड़े बड़े गुण
लाख दुखों की एक दवा है क्यूँ ना आजमाए
काहे घबराए, काहे घबराए

सर जो तेरा चकराए, या दिल डूबा जाए
आ जा प्यारे पास हमारे, काहे घबराये

मुश्की-मुश्क अर्थात् कस्तूरी के रंग का। काला। श्याम

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