दे दे दे दे दे दे ज़रा-बॉम्बे ४०५ मील .
एक अनार दो बीमार। इस श्रेणी में हम आपको पहला गीत सुनवा रहे हैं।
'विक्टोरिया नंबर २०३' वाले बृज सढाना साहब ने ही इस फिल्म का निर्देशन
किया था। एक मसाला फिल्म थी जिसके ज्यादा मात्रा मसालों से कुछ
दर्शकों को अपच हो गई। फिल्म की एडिटिंग में त्रुटियाँ थीं वरना इसको और
बेहतर बनाया जा सकता था। फिल्म का सशक्त पहलू इसके गीत हैं। संगीत
अच्छा है फिल्म का, लेकिन फिल्म के ना चलने की स्तिथि में अक्सर संगीत
भी डब्बे में बंद होकर रह जाता है। वैसा ही कुछ हुआ। खैर छोडिये ये सब और
गीत सुनिए जिसे परदे ओपर शत्रुघ्न और विनोद खन्ना गा रहे हैं जीनत अमान
के लिए । पार्श्व गायन किया है-किशोर कुमार और महेंद्र कपूर ने। इसके बोल है
इन्दीवर साहब के और धुन है कल्यानजी आनंदजी की। गीत की तुकबंदी एकदम
फिट किसम की है और तेज़ गति वाला ये गीत आपको अंत तक बंधे रखेगा।
गीत के बोल:
दे दे दे दे दे दे ज़रा
हमें दे दे ज़रा मंज़ूरी
दे दे दे दे दे दे ज़रा
साथ रहने की तू मंज़ूरी
तेरे लिए हम हैं ज़रूरी
हमारे लिए तू है ज़रूरी
तेरे लिए हम हैं ज़रूरी
हमारे लिए तू है ज़रूरी
बिन तेरे हम हैं अधूरे
बिन तेरे हम हैं अधूरे
ओये हम बिन तू है अधूरी
अरे दे दे दे, दे दे ज़रा मंज़ूरी
हमें दे दे ज़रा मंज़ूरी
तेरी तो हर शर्त करेंगे हम पूरी
पास तेरे वो चीज़ है जो भी देखे हो दीवाना
रंग भी सुन्दर, अंग भी सुन्दर
सुन्दरता का खज़ाना
तू है सुन्दरता का खज़ाना
रूप तिजोरी सौंप दे हमको
कर लेगा कोई चोरी, गोरी
कर लेगा कोई चोरी
सिवा हमारे सब लोगों को एक यही कमजोरी
गोरी, एक यही कमजोरी
अरे कह दे कह दे कह दे ज़रा
तेरी अब क्या है मजबूरी
तेरे लिए हम हैं ज़रूरी
हमारे लिए तू है ज़रूरी
ओ बिन तेरे हम हैं अधूरे
हम बिन तू है अधूरी
अरे दे दे दे, हमें दे दे ज़रा मंज़ूरी
तेरी तो हर शर्त करेंगे हम पूरी
तेरे हाथों में वो जादू
तेरी वो हस्ती है
तीनों दुनिया दे कर तू गर
मिल जाए सस्ती है
गर मिल जाए सस्ती है
तेरा हर गम बाटेंगे हम
हिस्सेदार बना ले
हमको हिस्सेदार बना ले
हमको अपना यार नहीं तो
पहरेदार बना ले,
अपना पहरेदार बना ले
अरे कर दें कर दें कर दें तेरा
हर सपना हम सिन्दूरी
तेरे लिए हम हैं ज़रूरी
हमारे लिए तू है ज़रूरी
बिन तेरे हम हैं अधूरे
हम बिन तू है अधूरी
अरे दे दे दे, हमें दे दे ज़रा मंज़ूरी
तेरी तो हर शर्त करेंगे हम पूरी
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