ओ नीले पर्बतों की धारा-आदमी और इंसान १९६९
आज का पहला गीत पेश है फिल्म आदमी और इंसान से।
साहिर के लिखे बोलों पर तर्ज़ बनाई है रवि ने। आशा और
महेंद्र कपूर इसको गा रहे हैं धर्मेन्द्र और सायरा बानो के लिए ।
गीत के बोल:
ओ नीले पर्बतों की धारा
आयी ढूँढने किनारा, बड़ी दूर से
सब को सहारा चाहिये
कोई हमारा चाहिये
ओ नीले पर्बतों की धारा
आयी ढूँढने किनारा, बड़ी दूर से
सब को सहारा चाहिये
कोई हमारा चाहिये
ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला
फूल में जैसे फूल की खुशबू
दिल में है यूँ तेरा बसेरा
धरती से अम्बर तक फैला
चाहत की बाहों का घेरा
हो ओ ओ
ओ नीले पर्बतों की धारा
आयी ढूँढने किनारा, बड़ी दूर से
सब को सहारा चाहिये
कोई हमारा चाहिये
ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला
सूरज पीछे घूमे धरती
साँझ के पीछे घूमे सवेरा
जिस नाते ने इन को बाँधे
वो नाता है तेरा मेरा
हो ओ ओ
ओ नीले पर्बतों की धारा
आयी ढूँढने किनारा, बड़ी दूर से
सब को सहारा चाहिये
कोई हमारा चाहिये
ओ नीले पर्बतों की धारा
आयी ढूँढने किनारा, बड़ी दूर से
सब को सहारा चाहिये
कोई हमारा चाहिये
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