May 16, 2011

मैं भी हूँ यहाँ - कौन कैसे १९८३

आपको एक गीत सुनवाया था पहले फिल्म स्वयंवर का।
फ़िल्मी गीत कभी कभी कुछ ध्वनि विशेष की वजह
से कुछ जीव जंतुओं की याद ताज़ा करवा देते हैं।
आइये एक और ऐसा ही गीत और सुनवाया जाये। आपने
कुत्ते के छोटे पिल्ले को "काईं काएं क्यों क्यों" की ध्वनियाँ
अवश्य निकलते सुना होगा, विशेषकर तब, जब वे किसी
परेशानी में होते हैं या जब बच्चे उनको पत्थर मार दिया करते हैं।

प्रस्तुत गीत में "आ", "ऊ" की ध्वनियों पे गौर करें तो
आपको कुछ समानता सुनाई पड़ेगी। बहरहाल गीत कर्णप्रिय
है और इस पर किया जा रहा नृत्य भी काफी उत्तेजक है।
फिल्म का नाम है "कौन कैसे", जिसमे परेशान से दिखाई
देने वाले नायक हैं दीपक पराशर और नाचने वाली नायिका
का नाम है अनीता राज। गुलशन बावरा के लिखे गीत की तर्ज़
बनाई है राहुल देव बर्मन ने।



गीत के बोल:

मैं भी हूँ यहाँ तू भी है यहाँ
मैं भी हूँ यहाँ तू भी है यहाँ
हो फिर क्यूँ रहे इस तरह प्यार में दूरियां
जाता है कहाँ
वो ना मिलेगा कहीं जो मिलेगा यहाँ
ऊ ऊ

मैं भी हूँ यहाँ तू भी है यहाँ
हो फिर क्यूँ रहे इस तरह प्यार में दूरियां
जाता है कहाँ
वो ना मिलेगा कहीं जो मिलेगा यहाँ
आ आ आ

बात करो जो पास आ के
निगाहों को मिला के
तो फिर कुछ मज़ा है
बात करो जो पास आ के
निगाहों को मिला के
तो फिर कुछ मज़ा है
दोस्त रहे जो यूँ अकेले
ना खेल कोई खेले
तो जीने में क्या है
जुल्फों के साये में
आ लूट ले मस्तियाँ
आ आ आ

मैं भी हूँ यहाँ तू भी है यहाँ
हो फिर क्यूँ रहे इस तरह प्यार में दूरियां
जाता है कहाँ
वो ना मिलेगा कहीं जो मिलेगा यहाँ
ऊ ऊ

मैं भी हूँ ला ला ला ला ला ला

खूब निभेगी तेरी मेरी
तो फिर कैसी देरी
मुझे आजमा ले
ला ला ला ला ला ला ला ला ला

खूब निभेगी तेरी मेरी
तो फिर कैसी देरी
मुझे आजमा ले
जीत उसी की हुई यारा
के जो भी दिल हारा
ये बाज़ी लगा ले
तीर-ए-नज़र यूँ चला के
चला है कहाँ
आ आओ

मैं भी हूँ यहाँ तू भी है यहाँ
मैं भी हूँ यहाँ तू भी है यहाँ
हो फिर क्यूँ रहे इस तरह प्यार में दूरियां
जाता है कहाँ
वो ना मिलेगा कहीं जो मिलेगा यहाँ
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Main bhi hoon yahan-Kaun Kaise 1983

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