जहाँ तेरी ये नज़र है-कालिया १९८१
कुमार के गीत बहुत मिले परदे पर होंठ हिलाने के लिए। ये जोड़ी जनता को
पसंद थी तो अधिकतर निर्देशक किशोर कुमार से ही अमिताभ वाले गाने
गवाते।
फिल्म कालिया का ये गीत सबसे ज्यादा लोकप्रिय गीत है। एक पार्टी में
ये गीत गाया जा रहा है और किसी जमेस बोंड की फिल्म माफिक सुरंग
आपको इस गीत में दिखाई देगी। फिल्म के निर्देशक टीनू आनंद हैं। फिल्म
व्यावसायिक दृष्टि से बहुत सफल नहीं हुयी। गीत मजरूह सुल्तानपुरी की
कलम से निकला है तो संगीत राहुल देव बर्मन की सांगीतिक घुड्शाला से।
अब तो आप समझ ही गये होंगे कि नज़र किधर है-उन मोहतरमा के हार
पर जिनका हाथ पकड़ कर खलनायक अमजद खान नृत्य शुरू करते हैं।
गीत के बोल:
हे हे
धीम फटा फट धिन्गरी पका
पका का का का का का का
धीम फटा फट धिन्गरी पका
पका का का का का का का
जहाँ तेरी ये नज़र है मेरी जान मुझे खबर है
जहाँ तेरी ये नज़र है मेरी जान मुझे खबर है
बच ना सका कोई आये कितने
लम्बे हैं मेरे हाथ इतने
देख इधर यार ध्यान किधर है
अरे देख इधर यार ध्यान किधर है
जहाँ तेरी ये नज़र है मेरी जान मुझे खबर है
क्यूँ नहीं जानी तू ये समझता
काम नहीं ये है तेरे बस का
कुक डू कू कू
क्यूँ नहीं जानी तू ये समझता
काम नहीं ये है तेरे बस का
होश में आ जा ध्यान किधर है
अरे, होश में आ जा ध्यान किधर है
जहाँ तेरी ये नज़र है मेरी जान मुझे खबर है
मेरी तरफ जो उठा है तन के
कट के वही हाथ गिरा बदन से
अरे मेरी तरफ जो उठा है तन के
कट के वही हाथ गिरा बदन से
सामने आये किस का जिगर है
हाँ, सामने आये किस का जिगर है
जहाँ तेरी ये नज़र है मेरी जान मुझे खबर है
चाल ये बंदा ऐसी भी चल जाये
बंद हो मुट्ठी अरे चीज़ निकल जाये
गिली गिली गिली गिली
अरे चाल ये बंदा ऐसी भी चल जाये
बंद हो मुट्ठी अरे चीज़ निकल जाये
ये भी करिश्मा देख इधर है
हाँ, ये भी करिश्मा देख इधर है
जहाँ तेरी ये नज़र है मेरी जान मुझे खबर है
जहाँ तेरी ये नज़र है मेरी जान मुझे खबर है
बच ना सका कोई आये कितने
लम्बे हैं मेरे हाथ इतने
देख इधर यार ध्यान किधर है
अरे देख इधर यार ध्यान किधर है
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Jahan teri ye nazar hai-Kaalia 1981
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