Jul 15, 2011

जाऊं मैं कहाँ ये ज़मीन -मिस इंडिया १९५७

आपको श्वेत श्याम युग से एक तेज धुन वाला युगल गीत
सुनवाते हैं. आकर्षक ध्वनि संयोजन से गीत शुरू होता है.
स्टेज पर नशेड़ी सा एक युवक लड़खड़ाते हुए गाना चालू करता
है. इतना नहीं लडखडाता है कि माइक ले के स्टेज के नीचे
टपक जाए. ये है फिल्म का नायक जिसने पार्टी में शायद
ज्यादा पी ली है. पी कितनी भी ली हो गाना सुर ताल में
गायेगा. ये हैं फिल्म के नायक प्रदीप कुमार. एक बात बस
समझ नहीं आई कि मन्ना डे वाले अंतरे एक से क्यूँ हैं इस
गीत में. कहीं ये पुराने ज़माने का 'कॉपी कट पेस्ट' एरर तो
नहीं ?

ये एक गीयर बदलने वाला गीत है. तेज संगीत के और हा हा
के बाद कुछ धीमा धीमा सा गीत सुनाई देता है. तेज वाले भाग
में नायिका शीला वाज़ हैं तो धीमे वाले भाग में नर्गिस.

अभिनेत्री नर्गिस के कैरियर की वे फ़िल्में अधिकांश दर्शकों
को याद हैं जिनमें इन्होने राज कपूर के साथ काम किया है.
सिवाए मदर इंडिया (१९५७) और रात और दिन(१९६४) के
इक्का दुक्का फ़िल्में और हैं जो प्रसिद्ध हुई हैं. सन १९५७ में
एक फिल्म आई थी-मिस इंडिया. इसमें उन्होंने एक आधुनिक
समय की नारी की भूमिका अदा की है. समय से आगे की
भूमिकाएं या फ़िल्में अक्सर नहीं चला करती हैं. इस फिल्म
का संगीत भी थोडा सा ही बजा वो भी सचिन देव बर्मन के
भक्तों के घर. गीत लता मंगेशकर और मन्ना डे का गाया हुआ
है. बोल लिखे हैं राजेंद्र कृष्ण ने.

एक बड़े शामियाने से अगर पहनने के कपडे निकाले जाएँ तो कुछ
कुछ वैसे ही बनेंगे जैसे की इस गीत में बालाएं पहने हुए हैं.



गीत के बोल:

हे हे हे हे हे हे, हे हे हे हे हे हे
हो, हा हा हा
हे हे हे हे हे, हो हो
हा हा, हो हो, हा हा हा हा हा

जाऊं मैं कहाँ,
हाय, जाऊं मैं कहाँ
ये ज़मीन ये जहां छोड़ के
राह में मुझे,
चल दिया कारवां छोड़ के
जाऊं मैं कहाँ,
ये ज़मीन ये जहां छोड़ के
राह में मुझे,
चल दिया कारवां छोड़ के

जाऊं मैं कहाँ

हो हो हो हो हो हो हो हो
हो हो हा हा हा हा हा

ये भीगी भीगी रातें
ये घुमड़ घुमड़ बरसातें
ऐसे में दिल से कर ले
दो चार नज़र की बातें
ये भीगी भीगी रातें
ये घुमड़ घुमड़ बरसातें
ऐसे में दिल से कर ले
दो चार नज़र की बातें
बाँहों में आ के सो जा,
सो जा, सो जा

जाऊं मैं कहाँ,
ये ज़मीन ये जहां छोड़ के
राह में मुझे,
चल दिया कारवां छोड़ के

जाऊं मैं कहाँ

रात गुज़रती जाए
आस नज़र न आये
रात गुज़रती जाए
आस नज़र न आये
रो न सकूं अब
रोते रोते आंसू भी शरमाये

हो हो हो, जाऊं मैं कहाँ
ये ज़मीन ये जहां छोड़ के
राह में मुझे
चल दिया कारवां छोड़ के

जाऊं मैं कहाँ

हो हो हो हो हा हा हा हा
हो हो हा हा हो हो हो

ये भीगी भीगी रातें
ये घुमड़ घुमड़ बरसातें
ऐसे में दिल से कर ले
दो चार नज़र की बातें
ये भीगी भीगी रातें
ये घुमड़ घुमड़ बरसातें
ऐसे में दिल से कर ले
दो चार नज़र की बातें
बाँहों में आ के सो जा,
सो जा, सो जा

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Jaoon main kahan-Miss India 1957

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