तुम भी चलो-ज़मीर १९७५
इस गीत में घोड़े ने बहुत अच्छा अभिनय किया है। अमिताभ बच्चन और
सायरा तो कमाल के कलाकार हैं ही, मगर हमें फिल्म के बाकी कलाकारों के
अभिनय पर भी तो कभी कभी गौर फ़रमा लेना चाहिए ना। अमिताभ बच्चन
और सायरा बानो पर फिल्माए गीत को पहली बार जनता ने सुना था सन १९७५
में और तबसे इस गीत को निरंतर सुना जा रहा है। बोल थोड़े प्रेरणा दायक हैं।
सपन चक्रवर्ती ने इस गीत कि धुन बनाई है। उनका संगीत आर डी बर्मन के
संगीत के करीब सा लगता है। आशा और किशोर के गाये इस गीत को लिखा
है मजरूह सुल्तानपुरी ने।
गीत के बोल:
तुम भी चलो हम भी चलें
चलती रहे ज़िन्दगी
तुम भी चलो हम भी चलें
चलती रहे ज़िन्दगी
ना ज़मीन मंजिल ना आसमान
ज़िन्दगी है ज़िन्दगी
तुम भी चलो ला ला ला ला
हम भी चलें ला ला ला ला
चलती रहे ज़िन्दगी, ला ला ला
पीछे देखे ना कभी मुद के राहों में
हो, झूमे मेरा दिल तुम्हें ले के बाँहों में
धडकनों की जुबां नित कहे दास्तान
प्यार के झिलमिल छाओं में पलती रहे ज़िन्दगी
तुम भी चलो हम भी चलें
चलती रहे ज़िन्दगी
ना ज़मीन मंजिल ना आसमान
ज़िन्दगी है ज़िन्दगी
तुम भी चलो हम भी चलें
चलती रहे ज़िन्दगी
बहते चलें हम मस्ती के धारों में
हो ओ ओ, गूंजे यही धुन सदा दिल के तारों में
अब रुके ना कहीं प्यार का कारवां
नित नई रुत के रंग में ढलती रहे ज़िन्दगी
तुम भी चलो हम भी चलें
चलती रहे ज़िन्दगी
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Tum bhi chalo-Zameer 1975
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