Jul 29, 2015

मीत न मिला रे मन का-अभिमान १९७३

जैसा कि हिंदी फिल्म देखने वाले ये एज्यूम कर के चलते हैं
फिल्म में कुछ भी संभव है. न्यूटन का सेब ज़मीन पर गिरने
के बजाये हवा में उड़ के हिंदी गाना गा सकता है. विज्ञान को
धता बताने वाले कई दृश्य आपने देखें होंगे फिल्मों में. वैसे
एक थ्योरी कहती है कि जो मानव मस्तिष्क सोच सकता है
और कल्पना कर सकता है वो सब कुछ संभव है. हो सकता है
किसी दिन रजनीकांत वाले चुटकुले सच साबित होने लगें. ये
सब अभी तो संभावनाएं हैं, इन्हें एक तरफ रख कर गीत सुनते
हैं.

आज आपको एक ऐसा गीत सुनवा रहे हैं जो फिल्म के शीर्षक
में ही प्रकट हो जाता है. ऐसे गीत कम हैं फिल्मों में मगर हैं
ज़रूर, आपको इनमें से कुछ सुनवा और दिखा चुके हैं इस ब्लॉग
पर. पढते रहिये ‘हिंदी फिल्म संगीत का खज़ाना’

गीत है फिल्म अभिमान का. इसे फिल्म के टाइटल पर दिखाया
जाता है. हाथ में माइक पकडे अमिताभ गाना गा रहे हैं. ऐसा
दिखाया जा रहा है वो एक लोकप्रिय गायक हैं और श्रोता उनकी
आवाज़ के दीवाने हैं. फिल्म में उन्होंने एक गायक की भूमिका
निभाई है. गीत की दृश्यावली में दिखता है कि कई लड़कियां
उनका गाना सुन के झूम रही हैं. गाने का आखिरी अन्तरा मगर
कुछ और कह रहा है-देर से मन मेरा आस लिए डोले, कोई सजनी
खिडकी भी न खोले. ऐसा क्यूँ हैं आप गीत सुन के पता लगाइए .





गीत के बोल:

मीत न मिला रे मन का
मीत न मिला रे मन का
कोई तो मिलन का
कोई तो मिलन का, करो रे उपाय
मीत न मिला

चैन नहीं बाहर, चैन नहीं घर में
मन मेरा धरती पर, और कभी अंबर में
उसको ढूँढा, हर डगर में, हर नगर में
गली गली देखा नयन उठाये
मीत न मिला

रोज़ मैं अपने ही, प्यार को समझाऊँ
वो नहीं आयेगा, मान नहीं पाऊँ
शाम ही से प्रेम दीपक, मैं जलाऊँ
फिर वो ही दीपक, दूँ मैं बुझाये
मीत न मिला

देर से मन मेरा, आस लिये डोले
देर से मन मेरा, आस लिये डोले
प्रीत भरी बानी, राग मेरा बोले
कोई सजनी, एक खिड़की भी न खोले
लाख तराने, कहा मैं सुनाये
मीत न मिला रे मन का
................................
Meet na mila re man ka-Abhimaan 1973

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP