सारा ज़माना हसीनों का दीवाना-याराना १९८१
में जो झक-पक झक-पक करती रोशनियाँ हैं वो हमने इसके पहले
तक केवल दीवाली के समय घरों, दफ्तरों और दुकंनों पर लगी
देखी थीं. फिल्म की रिलीज़ के वक्त कई जगह चर्चा का मुद्दा ये
होता-कि लगायी कैसे हैं और जल कैसे रही हैं? इनपर कई कई
किस्से और कहानियां सुनने को मिलती.
फिल्म ज्यादा नहीं चली मगर अमिताभ के कई भक्त –पहला दिन
पहला शो वाले इसे कैसे छोड़ सकते थे. वे फिल्म देखने के बाद जो
महिमा-मंडन करते वो किसी सयाने फिल्म समीक्षक के दृष्टिकोण को
भी मात करता सा प्रतीत होता. उस समय एक इलेक्ट्रॉनिक्स में ‘पता
नहीं क्या कुछ’ कर रहे एक छात्र ने एल ई डी रोशनियों के प्रयोग की
संभावना भी जताई थी. डिस्को का असर आप इस गीत पर भी थोडा
बहुत महसूस करेंगे.
गीत के बोल:
हे सारा ज़माना, सारा ज़माना
हसीनों का दीवाना, हसीनों का दीवाना
ज़माना कहे फिर क्यों, ज़माना कहे फिर क्यों
बुरा है दिल लगाना, बुरा है दिल लगाना
हे सारा ज़माना
ये कौन कह रहा है, तू आज प्यार कर ले
जो कभी भी ख़त्म न हो, वो एतबार कर ले
मान ले, मान ले मेरी बात, मेरी बात
सारा ज़माना, सारा ज़माना
हसीनो का दीवाना, हसीनो का दीवाना
ज़माना कहे फिर क्यों, ज़माना कहे फिर क्यों
बुरा है दिल लगाना, बुरा है दिल लगाना
हे सारा ज़माना
जब हुस्न ही नहीं तो, दुनिया में क्या कशिश है
दिल, दिल वही है जिसमें, कहीं प्यार की खलिश है
मान ले, मान ले मेरी बात, मेरी बात
हे सारा ज़माना, सारा ज़माना
हसीनो का दीवाना, हसीनो का दीवाना
ज़माना कहे फिर क्यों, ज़माना कहे फिर क्यों
बुरा है दिल लगाना, बुरा है दिल लगाना
हे सारा ज़माना
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Saara Zamana haseenon ka-Yaarana 1981
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