Aug 11, 2015

मेरा नाम अब्दुल रहमान-भाई भाई १९५६

एक रोचक तथ्य है किशोर कुमार के गाये गानों से सम्बंधित.
उनके दो गाने ऐसे हैं जिसमें ‘अब्दुल रहमान’ नाम आता है.
दिलचस्प इसलिए भी है कि दोनों ही गाने युगल गीत हैं
जिन्हें किशोर के साथ लता ने गाया है. दोनों ही गाने लिखे
हैं मदन मोहन के फेवरेट गीतकारों में से एक राजेंद्र कृष्ण ने.
संगीत भी मदन मोहन का ही है दोनों गीतों में. दोनों ही मस्ती
भरे गीत हैं, मेरा मतलब हलके फुल्के हैं जिन्हें सुनकर आप
दुखी नहीं होंगे. गीत में पिस्ते बादाम के साथ ही भाईचारे की
भावना भी मिलाई गयी है.

गाने कुछ यूँ हैं-

मेरा नाम अब्दुल रहमान-भाई भाई
एक था अब्दुल रहमान-मनमौजी

फिल्म भाई भाई में उनके साथ अभिनेत्री हैं-निम्मी और फिल्म
मनमौजी में उनके साथ हैं साधना. अगर दोनों ही फिल्मों में
नायिका भी एक होती तो ये एक अनूठा रेकोर्ड हो जाता. खैर
कुछ तो बाकी रहना चाहिए. भाई भाई सन १९५६ की फिल्म है
और मनमौजी सन १९६२ में रिलीज़ हुई थी. गौरतलब है कि
किशोर कुमार के कार ड्राईवर का नाम अब्दुल था.




गीत के बोल:

मेरा नाम अब्दुल रहमान पिसते वाला मैं हूँ पठान
खाने वाले का दिल होता गुल गुल वे री वे री वाह वाह
मेरा नाम अब्दुल रहमान पिसते वाला मैं हूँ पठान
खाने वाले का दिल होता गुल गुल वे री वे री वाह वाह

लो जी भाई साहब हमरा पिस्ता बहुत अच्छा
लो जी मेमसाब हमरा पिस्ता नहीं कच्चा
खा के देखो वेरी वेरी गुड मेरा चरली बादाम पिस्ता
मेरा नाम अब्दुल रहमान पिसते वाला मैं हूँ पठान
खाने वाले का दिल होता गुल गुल वे री वे री वाह वाह

अब्दुल रहमान की मैं अब्दुल रहमानिया
अब्दुल रहमान की मैं अब्दुल रहमानिया
यही मेरा सोना चांदी यही मेरी दुनिया
अब्दुल रहमान की मैं अब्दुल रहमानिया
अब्दुल रहमान की मैं अब्दुल रहमानिया

खुश हूँ मैं चाहे मुझे रखे जिस हाल में
खुश हूँ मैं चाहे मुझे रखे जिस हाल में
बंगले में कोठी में या टूटी फूटी चाल में
बंगले में कोठी में या टूटी फूटी चाल में
चाँद है ये मेरा मैं हूँ इसकी चंदनिया
अब्दुल रहमान की मैं अब्दुल रहमानिया
अब्दुल रहमान की मैं अब्दुल रहमानिया
हे अब्दुल रहमान हे अब्दुल रहमान
हे अब्दुल रहमान हे अब्दुल रहमान
मेरा नाम अब्दुल रहमान पिसते वाला मैं हूँ पठान
खाने वाले का दिल होता गुल गुल वे री वे री वाह वाह

हिंदू खाए मुस्लिम खाए खाए सिख ईसाई
मेरा पिस्ता खाने वाले हिंदी भाई भाई
मंदिर हो मस्जिद हो या सिखों का गुरुद्वारा
सबको अल्लाह का घर समझे काबुल का बंजारा
ये काबुल का बंजारा
लो भाई पिस्ता लो बद्दम अच्छा माल और सस्ता दाम
आनी जानी दुनिया फानी बाकी है अल्लाह के नाम
मेरा नाम अब्दुल रहमान पिसते वाला मैं हूँ पठान
खाने वाले का दिल होता गुल गुल वे री वे री वाह वाह
मेरा नाम अब्दुल रहमान पिसते वाला मैं हूँ पठान
खाने वाले का दिल होता गुल गुल वे री वे री वाह वाह
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Mera naam Abdul Rehman-Bhai bhai 1956

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