Sep 21, 2015

जिस प्यार में ये हाल हो-फिर सुबह होगी १९५८

साहिर लुधियानवी के लिखे हुए ६६ गीत अभी तक आपको
सुनवा चुके हैं इस ब्लॉग पर. सन १९५८ की एक फिल्म है
फिर सुबह होगी. काफी रिवोल्युशनरी किस्म के गीत हैं इस
फिल्म के. धुनें भी दमदार बनायीं हैं खय्याम ने. कुल मिला
के ज्यादा पैसे वसूल वाले गीत हैं. प्रस्तुत गीत भी एक प्रकार
से आशिकों और यारों पर कहीं मखमल कहीं बिना मखमल
के दे-दना-दन देता सा प्रतीत होता है. सिकंदर और कबूतर
का अच्छा एग-जाम-फल दिया गया है गीत में.

यार तीन तरीके से ज्यादा बोर कर सकते हैं-चुटकुले सुना के,
गीत शेर-शायरी सुना के या अपनी कहानी सुना के. उसके
अलावा बोर करने के बहुत से सामान मौजूद हैं.

गौरतलब है फिल्म त्रिशूल का गीत-मोहब्बत बड़े काम की चीज़
है भी साहिर का लिखा हुआ है. संयोग से उस फिल्म का संगीत
भी खैय्याम ने तैयार किया है. मेरा अनुमान है अगर साहिर के
साथ खैय्याम की जुगलबंदी लगातार चली होती तो हमें कुछ
और अनमोल और नायब किस्म के रत्न मिल जाते सुनने के
लिए.  गीत मुकेश संग मोहम्मद रफ़ी ने गाया है. गीत इन
कलाकारों पर फिल्माया गया है -राज कपूर, माला सिन्हा और
रहमान.

चलते चलते वही सैकड़ों बार सुना हुआ जुमला दोहरा देते हैं
आपके लिए, साहिर का है अंदाज़-ए-बयां और.................



गीत के बोल:

फिरते थे जो बड़े ही सिकंदर बने हुये
बैठे हैं उनके दर पे कबूतर बने हुये
जिस प्यार में ये हाल हो उस प्यार से तौबा
तौबा, उस प्यार से तौबा
जो बोर करे यार को उस यार से तौबा
तौबा, उस यार से तौबा

हमने भी ये सोचा था कभी प्यार करेंगे
छुप-छुप के किसी शोख हसीना पे मरेंगे
देखा जो अज़ीज़ों को मुहब्बत में तड़पते
दिल कहने लगा, हम तो मुहब्बत से डरेंगे
इन नरगिसी आँखों के छुपे वार से तौबा
जो बोर करे यार को उस यार से तौबा
तौबा, उस यार से तौबा
जिस प्यार में ये हाल हो उस प्यार से तौबा
तौबा, उस प्यार से तौबा


तुम जैसों की नज़रें न हसीनों से लड़ेंगीं
ग़र लड़ भी गईं, अपने ही क़दमों पे गड़ेंगीं
भूले से किसी शोख पे दिल फ़ेंक न देना
झड़ जायेंगे सब बाल वो बेभाव पड़ेंगीं
तुम जैसों को जो पड़ती है
उस मार से तौबा, तौबा उस मार से तौबा
जिस प्यार में ये हाल हो उस प्यार से तौबा

दिल जिनका जवाँ है वो सदा इश्क़ करेंगे
जो इश्क़ करेंगे वो सदा, हाय आह भरेंगे
जो दूर से देखेंगे, वो जल-जल के मरेंगे
जल-जल के मरेंगे तो कोई फ़िक्र नहीं है
माशूक़ के क़दमों पे मगर सर न धरेंगे
सरकार से तौबा, मेरी, सरकार से तौबा
जिस प्यार में ये हाल हो उस प्यार से तौबा
तौबा, उस प्यार से तौबा
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Jis pyar mein ye haal ho-Phir Subah Hogi 1958

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