ओ मेरी छम्मक छल्लो-प्यासा सावन १९८१
गानों में अगला गाना सुनते हैं
जिसने जवानी का भरपूर आनंद नहीं लिया उसे बुढापे
में क्या मौज और आनंद ऊपर से टपक के मिलेगा. जो
काम जिस समय का है उसे उसी समय पर किया जा
सकता है.
गीत काफी बड़ा है और उसमें बीच में कुछ नसीहतें
भी दी हुई हैं. पुराने गीतों की यही विशेषता होती थी
कि उसमे चीजें ढकी हुई रहती थीं और सुन्दर लगती
थीं. आज के गीत पहली ही पंक्ति से मुखर हो जाते हैं.
गीत संतोष आनंद का है और इसे किशोर कुमार संग
आशा भोंसले ने गाया है. गीत मनोरंजक है.
गीत के बोल:
ओ मेरी छम्मक छल्लो
ओ मेरी छम्मक छल्लो दो दिन की है जिंदगानी
ओ मेरी छम्मक छल्लो दो दिन की है जिंदगानी
तू प्यार कर मुझे ऐसे मैं लिख दूं प्रेम कहानी
ओ मेरे रामलुभाया आंय
ओ मेरे रामलुभाया क्या लिखनी प्रेम कहानी
ओ मेरे रामलुभाया क्या लिखनी प्रेम कहानी
मौका है मौज मना लो कब किसपे रहे जवानी
ओ मेरी छम्मक छल्लो
ओ मेरे रामलुभाया
लिखने का शौक मुझे है लिखता हूँ दिल की बातें
लिखने का शौक मुझे है लिखता हू दिल की बातें
थोड़ी सी दिन की बातें थोड़ी सी रातो की बातें
दिन के क्या तौर तरीके रातो की नीयत क्या है
तुम तो क्या जानो इस पर मौसम की चाहत क्या है
दिल जो कहता है उसको आँखों से मै कहता हूँ
दिल जो कहता है उसको आँखों से मै कहता हूँ
दिल की हालत को समझो रुत है कितनी मर्दानी
ओ मेरे रामलुभाया
ओ मेरे रामलुभाया क्या लिखनी प्रेम कहानी
मौका है मौज मना लो कब किसपे रहे जवानी
ओ मेरी छम्मक छल्लो
ओ मेरे रामलुभाया
सुन सुन के बोल न बोले मेरा दिल बैठा जाये
सुन सुन के बोल न बोले मेरा दिल बैठा जाये
प्यासे अरमानों वाला सावन ये बीता जाये
मुझको कुछ होश नहीं था सचमुच में वो असर था
नजरो में तुम ही तुम थे मौसम से बेखबर था
अब तो कुछ खैर खबर लो सुन लो घनघोर खिलाडी
आंय
मंजिल पे आ के भटकी मेरे यौवन की गाड़ी
करते हो क्यों नादानी सोचो बातें मर्दानी
करते हो क्यों नादानी सोचो बातें मर्दानी
मौका है मौज मना लो कब किसपे रहे जवानी
ओ मेरी छम्मक छल्लो
ओ मेरी छम्मक छल्लो दो दिन की है जिंदगानी
तू प्यार कर मुझे ऐसे मैं लिख दूं प्रेम कहानी
ओ मेरे रामलुभाया आंय
ओ मेरे रामलुभाया क्या लिखनी प्रेम कहानी
मौका है मौज मना लो कब किसपे रहे जवानी
ओ मेरी छम्मक छल्लो
ओ मेरे रामलुभाया
ओ मेरी छम्मक छल्लो
ओ मेरे रामलुभाया
ओ मेरी छम्मक छल्लो
ओ मेरे रामलुभाया
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O meri chhammak chhallo-Pyasa sawan 1981
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