Jan 9, 2016

चुपके चुपके चल री पुरवैया-चुपके चुपके १९७५

सचिन देव बर्मन समय के साथ साथ भले ही वृद्ध होते चले
मगर उनका संगीत जवान ही रहा और समय के साथ साथ
चला. उन्होंने निरंतर मधुर संगीत दिया जो उनकी ऊर्जा और
कल्पनाशीलता का द्योतक है.


गीत कर्णप्रिय है और इसे लिखा है आनंद बक्षी ने जिसकी
धुन बनाई है बर्मन दादा ने. गायिका हैं लता मंगेशकर. इस
फिल्म से एक गीत ब्लॉग पर आपको पहले सुनवा चुके हैं.

गीत फिल्माया गया है जया भादुडी पर. ये एक हास्य फिल्म
है जिसमें शर्मिला टैगोर ने यादगार भूमिका निभाई है. गीत में
आप अमिताभ बच्चन को भी देखेंगे. ये फिल्म का शीर्षक गीत
है.




गीत के बोल:

चुपके चुपके चल री पुरवइया
ओ चुपके चुपके चल री पुरवइया
चुपके चुपके चल री पुरवइया

बाँसुरी बजाये रे,
रास रचाए दैया रे दैया
गोपियों संग कन्हैया
चुपके चुपके चल री पुरवइया

पागल पवन से, कैसे कोई बोले
पागल पवन से, कैसे कोई बोले
गोरी के मुख से, घुँघटा ना खोले,
डोले, हौले से मन की नैया
गोपियों संग कन्हैया
चुपके चुपके चल री पुरवइया

ये क्या हुआ मुझको, क्या है ये पहेली
ये क्या हुआ मुझको, क्या है ये पहेली
ऐसे जैसे के, कोई राधा की सहेली, मैं भी
ढूंढूं कदम की छैंया
गोपियों संग कन्हैया
चुपके चुपके चल री पुरवइया

ऐसे समय पे कोई, चुप भी रहे कैसे
ऐसे समय पे कोई, चुप भी रहे कैसे
बाँध लिये रुत ने, पग मैं घुँघरू, जैसे
नाचे मन ता थैया ता थैया
गोपियों संग कन्हैया
चुपके चुपके चल री पुरवइया
.........................................................
Chupke chupke chal ri-Chupke chupke 1975

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP