May 26, 2016

ज़माने का दस्तूर है ये पुराना-लाजवाब १९५०

आज मुकेश और लता का गाया, प्रेम धवन का लिखा
और अनिल बिश्वास का संगीतबद्ध एक गीत सुनते हैं
फिल्म लाजवाब से. इसके बोल लाजवाब हैं.

वैराइटी फिल्म्स बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन
जे पी आडवाणी ने किया था और इसमें जिन कलाकारों
ने काम कइया उनके नाम है- डेविड, इफ्तेखार, प्राण,
रेहाना, सोहन, कुलदीप कौर, कविता, प्रेम धवन और
रणधीर. काम तो और कलाकारों ने भी किया होगा,
फिलहाल यही जानकारी उपलब्ध है. गौरतलब है कि
कलाकारों की सूची में गीतकार का भी नाम है.

जे पी आडवाणी उस ज़माने के फौरेन रिटर्न थे. उन्होंने
जर्मनी से फिल्म का कोई कोर्स किया और फ़िल्में बनाने
हिंदुस्तान वापस आ गए. नारी को परदे पर गरिमा प्रदान
करने वाले आडवाणी ने एक उल्लेखनीय फिल्म बनाई
थी-सस्सी पुन्नू जिसका नाम आपने अवश्य सुना होगा.



गीत के बोल:

ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना
मिटा कर बनाना, बना कर मिटाना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना

वफ़ा क्या यही है, जफ़ा करने वाले
निगाहें मिला कर, निगाहें चुराना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना

मुहब्बत का अंजाम, ज़ाहिर था हम पर
बहुत हमने रोका, मगर दिल न माना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना

कोई आसमाँ से, ज़रा ये तो पूछे
मिला क्या जला कर, मेरा आशियाना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना
मिटा कर बनाना, बना कर मिटाना
ज़माने का दस्तूर, है ये पुराना
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Zamane ka dastoor hai ye purana-Lajawab 1950

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