बता दूं क्या लाना-पत्थर के सनम १९६७
लता मंगेशकर का गाया और वहीदा रहमान पर फिल्माया
गया ये गीत आज भी सुनने में वही पुराना वाला आनंद ही
देता है. मजरूह सुल्तानपुरी ने इसे लिखा है और संगीतकार
हैं लक्ष्मी प्यारे.
पैसे बचाने के क्या क्या आइडिया दे रही है प्रेमिका प्रेमी को.
ऐसी गर्ल फ्रेंड जिसे मिल जाए वो धन्य हो जाए.
ऐ. ऐ. नडियाडवाला प्रोडक्शनस बैनर के निर्माण में राजा नवाथे
ने इस फिल्म का निर्देशन किया था. राजा नवाथे की फ़िल्में हैं
आह, बसंत बहार, गुमनाम, मनचली इत्यादि. उनकी फिल्मों का
संगीत पक्ष मजबूत रहा. फिल्म आह भले ज्यादा ना चली हो
उसमें कुछ टॉप क्लास गीत मौजूद हैं. पत्थर के सनम फिल्म
तो काफी चली और इसका संगीत बेहद लोकप्रिय. फिल्म का
शीर्षक गीत जो रफ़ी का गाया हुआ है, सबसे ज्यादा लोकप्रिय है.
गीत के बोल:
बता दूं क्या लाना तुम लौट के आ जाना
ये छोटा सा नजराना पिया याद रखोगे के भूल जाओगे
याद रखोगे के भूल जाओगे
बता दूं क्या लाना तुम लौट के आ जाना
ये छोटा सा नजराना पिया याद रखोगे के भूल जाओगे
याद रखोगे के भूल जाओगे
सजते हैं जो तन पे हमारे
सजते हैं जो तन पे हमारे वो हैं पिया नैन तुम्हारे
है लट जो माथे पे आई सी चूड़ी है मेरी कलाई की
पलट के जब आना ये लट ये नज़र लाना
ये छोटा सा नजराना पिया याद रखोगे के भूल जाओगे
याद रखोगे के भूल जाओगे
चाहत से ये मांग भरूंगी
चाहत से ये मांग भरूंगी बिंदिया का मैं चाह करूंगी
माथे पे लागे सुहानी सी होंठों पे तेरे निशानी सी
बालमवा जब आना बिंदिया तुम्हीं बन जाना
ये छोटा सा नजराना पिया याद रखोगे के भूल जाओगे
याद रखोगे के भूल जाओगे
आँखों में चाँद बन के उभरना
आँखों में चाँद बन के उभरना देखो बलम देर ना करना
रहता है दिल में तुम्हारा दिल डरता है फिर भी हमारा दिल
बहुत ना तरसाना तुम लौट के आ जाना
ये छोटा सा नजराना पिया याद रखोगे के भूल जाओगे
याद रखोगे के भूल जाओगे
बता दूं क्या लाना तुम लौट के आ जाना
ये छोटा सा नजराना पिया याद रखोगे के भूल जाओगे
याद रखोगे के भूल जाओगे
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Bata doon kya laana-Patthar ke sanam 1967
Artists-Manoj Kumar, Waheeda Rehman
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