ज़िन्दगी मौत ना बन जाए-सरफ़रोश १९९९
वाला ये गीत है सन १९९९ की फिल्म सरफ़रोश से. इसे जिन दो
गायकों ने गाया है वेहै-सोनू निगम और रूप कुमार राठौड. फिल्म
के निर्देशक है जॉन मैथ्यू मत्थन जिन्होंने एटनबरो की फिल्म
गांधी से बतौर सहायक निर्देशक अपनी शुरुआत की थी. उन्होंने
गोविन्द निहलानी के साथ भी काम किया और एड फ़िल्में भी
बनाईं.
फिल्म सरफ़रोश की काफी तारीफ हुई. फिल्म ने कई पुरस्कार भी
जीते. संगीत पक्ष भी फिल्म का काफी मज़बूत है. प्रस्तुत गीत
इसरार अंसारी ने लिखा है और इसकी धुन जतिन ललित ने बनाई
है.
गीत के बोल:
ज़िन्दगी मौत ना बन जाए, संभालो यारों
खो रहा चैन-ओ-अमन, खो रहा चैन-ओ-अमन
मुश्किलों में है वतन, मुश्किलों में है वतन
सरफरोशी की शमा दिल में जला लो यारों
ज़िन्दगी मौत ना बन जाए, संभालो यारों
एक तरफ प्यार है, चाहत है, वफादारी है
एक तरफ देश में धोखा है, गद्दारी है
बस्तियां सहमी हुई, सहमा चमन सारा है
ग़म में क्यूं डूबा हुआ आज सब नज़ारा है
आग पानी की जगह अब्र जो बरसाएंगे
लहलाते हुए सब खेत झुलस जायेंगे, जायेंगे, जायेंगे
खो रहा चैन-ओ-अमन, खो रहा चैन-ओ-अमन
मुश्किलों में है वतन, मुश्किलों में है वतन
सरफरोशी की शमा दिल में जला लो यारों
ज़िन्दगी मौत ना बन जाए, संभालो यारों
चन्द सिक्कों के लिए, तुम ना करो काम बुरा
हर बुराई का सदा होता है अंजाम बुरा
जुर्म वालों की कहाँ उम्र बड़ी है यारों
इनकी राहों में सदा मौत खड़ी है यारों
ज़ुल्म करने से सदा ज़ुल्म ही हासिल होगा
जो न सच बात कहे वो कोई बुजदिल होगा
सरफरोशों ने लहू दे के जिसे सींचा है
ऐसे गुलशन को उजड़ने से बचा लो यारों
सरफरोशी की शमा दिल में जला लो यारों यारों यारों
ज़िन्दगी मौत ना बन जाए, संभालो यारों
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Zindagi maut na bane jaaye yaaron-Sarfarosh 1999
Artists-Sonali Bendre, Aamir Khan
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