आपकी आँखों में कुछ–घर १९७८
रेडियो चैनल पर सुना है. आप भी सुन लीजिए. फिल्म
घर से इस युगल गीत को लता और किशोर ने गाया है.
फुर्सत में तैयार किया गया बेहद रोमांटिक युगल गीत.
इस गाने के मुरीद करोड़ों की संख्या में होंगे ऐसा मेरा
अनुमान है. गुलज़ार का गीत है और आर डी बर्मन का
संगीत. इस कोम्बिनेशन ने हमें कई अविस्मरणीय गीत
दिए हैं.
गीत के बोल:
आपकी आँखों में कुछ महके हुये से राज़ हैं
आपकी आँखों में कुछ महके हुये से राज़ हैं
आपसे भी खूबसूरत आपके अंदाज़ हैं
आपकी आँखों में कुछ महके हुये से राज़ हैं
लब हिलें तो मोगरे के फूल खिलते हैं कहीं
लब हिलें तो मोगरे के फूल खिलते हैं कहीं
आपकी आँखों में क्या साहिल भी मिलते हैं कहीं
आपकी खामोशियाँ भी आप की आवाज़ हैं
आपकी आँखों में कुछ महके हुये से राज़ हैं
आपसे भी खूबसूरत आपके अंदाज़ हैं
आपकी आँखों में कुछ महके हुये से राज़ हैं
आपकी बातों में फिर कोई शरारत तो नहीं
आपकी बातों में फिर कोई शरारत तो नहीं
बेवजह तारीफ़ करना आपकी आदत तो नहीं
आपकी बदमाशियों के ये नये अंदाज़ हैं
आपकी आँखों में कुछ महके हुये से राज़ हैं
हो ओ ओ आपसे भी खूबसूरत आपके अंदाज़ हैं
आपकी आँखों में कुछ महके हुये से राज़ हैं
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Aapki aankhon mein kuchh-Ghar 1978
Artists: Vinod Mehra, Rekha
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