गुम है किसी के प्यार में-रामपुर का लक्ष्मण १९७२
है. ये फिल्म टीचरों की भाषा पर पकड़ बहुत ज़बरदस्त
होती है.
इस गीत को लिखा है मजरूह सुल्तानपुरी ने और इसे
किशोर संग लता ने गाया है. आर डी बर्मन ने फिल्म
के गानों को संगीतबद्ध किया है.
गीत के बोल:
गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं मैं उसका नाम
हाय राम हाय राम
कुछ लिखा हाँ क्या लिखा
हो गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं मैं उसका नाम
हाय राम हाय राम
अच्छा आगे क्या लिखूं
सोचा है एक दिन मैं उससे मिल के
कह डालूँ अपने सब हाल दिल के
और कर दूँ जीवन उसके हवाले
फिर छोड़ दे चाहे अपना बना ले
मैं तो उसका रे हुआ दीवाना
अब तो जैसा भी मेरा हो अंजाम
हो गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं मैं उसका नाम
हाय राम हाय राम
लिख लिया हाँ
ज़रा पढ़ के तो सुनाओ
चाहा है तुमने जिस बावरी को
वो भी सजनवा चाहे तुम्हीं को
नैना उठाये तो प्यार समझो
पलकें झुका दे तो इकरार समझो
रखती है कब से छुपा छुपा के
क्या
अपने होठों में पिया तेरा नाम
गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं मैं उसका नाम
हाय राम हाय राम
हो गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं मैं उसका नाम
हाय राम हाय राम
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Gum hai kisi ke pyar mein-Rampur ka Laxman 1972
Artists: Randhir Kapoor, Rekha
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