लल्ला लल्ला लोरी(लता)-मुक्ति १९७७
जो एक लोरीनुमा गीत है. इसके पहले अंतरे में दर्शन है
रो दूसरे अंतरे में इंतज़ार का दर्द.
आनंद बक्षी के बोल और आर डी बर्मन के संगीत वाला ये
गीत परदे पर विद्या सिन्हा गा रही हैं.
गीत के बोल:
लल्ला लल्ला लोरी दूध की कटोरी
दूध में बताशा जीवन खेल तमाशा
लल्ला लल्ला लोरी दूध की कटोरी
दूध में बताशा जीवन खेल तमाशा
आधी मुरझा जाती है थोड़ी सी कलियाँ खिलती हैं
आधी मुरझा जाती है थोड़ी सी कलियाँ खिलती हैं
सारी की सारी खुशियाँ जीवन में किसको मिलती हैं
या टूटे पलना या टूटे डोरी
चुपके चुपके चोरी चोरी चोरी
लल्ला लल्ला लोरी दूध की कटोरी
दूध में बताशा जीवन खेल तमाशा
लिख लेती लिखवा लेती मैं आगे क्या है गाना
लिख लेती लिखवा लेती मैं आगे क्या है गाना
लेकिन मैं क्या करती तेरे पापा को था जाना
मुझसे भी छिप कर तुझसे भी चोरी
चुपके चुपके चोरी चोरी चोरी
लल्ला लल्ला लोरी दूध की कटोरी
दूध में बताशा जीवन खेल तमाशा
लल्ला लल्ला लोरी दूध की कटोरी
दूध में बताशा जीवन खेल तमाशा
.......................................................
Lalla lalla lori(Lata)-Mukti 1977
Artists: Vidya Sinha,
0 comments:
Post a Comment