Jun 10, 2017

आन मिलो आन मिलो श्याम-देवदास १९५५

देवदास उन साहित्यिक कृतियों में से एक है जो बॉलीवुड में
काफी चर्चित है. अभी तक देवदास नाम की तीन फ़िल्में बन
चुकी हैं. तीनों ही अपने समय में चर्चित रहीं और जनता द्वारा
पसंद की गयीं.

उल्लेखनीय बात ये है इस विषय को अपने युग के नामचीन
निर्देशक ने चुना. पहला संस्करण न्यू थियेटर्स के लिए बरुआ
ने बनाया तो दूसरा संस्करण बिमल रॉय ने बनाया. शाहरुख
वाली देवदास का निर्देशन भंसाली ने किया.

सुनते हैं सन १९५५ की देवदास से एक गीत. इस युगल गीत
को मन्ना डे और गीता दत्त ने गाया है. बंगाल की लोकधारा का
प्रवाह आपको इस गीत की धुन में अवश्य मिलेगा. देवदास का
संगीत लीक से हट कर है थोडा सा अपने समय के हिसाब से.

दो गाने वालों में से अभिनेत्री दुलारी को तो मैं पहचान गया.
दाढ़ी वाले बाबाजी को आप पहचानिये.



गीत के बोल:

आन मिलो आन मिलो श्याम सांवरे आन मिलो
आन मिलो आन मिलो श्याम सांवरे
बृज में अकेली राधे खोई-खोई फिरे
ओ राधे खोई-खोई फिरे
ओ कान्हा आन मिलो
आन मिलो आन मिलो श्याम सांवरे आन मिलो

बृंदावन की गलियों में तुम बिन जियरा ना लागे
ओ जियरा न लागे
निसदिन तुम्हारी बाट देखे व्याकुल नैना भागे
ओ व्याकुल नैना भागे
अब ही ऐसी दशा है मन की क्या हुई फिर आगे रे
बृज में अकेली राधे खोई-खोई फिरे
ओ राधे खोई-खोई फिरे
ओ कान्हा आन मिलो
आन मिलो आन मिलो श्याम सांवरे आन मिलो

आज न काहे जमुना तीरे मुरली मधुर बजाई
ओ मुरली मधुर बजाई
आज न काहे सखियन के संग हिल मिल रास रचाई
ओ हिल मिल रास रचाई
हमरा आंगन छोड़ के तोहे कौन नगरिया भाई रे
बृज में अकेली राधे खोई-खोई फिरे
ओ राधे खोई-खोई फिरे
ओ कान्हा आन मिलो
आन मिलो आन मिलो श्याम सांवरे आन मिलो

अजहुं जो न भेजे मोहन तैनें कोई खबरिया
ओ तैनें कोई खबरिया
हो जई है इक बृज की बाला रो रो कर बावरिया
रो रो कर बावरिया
धीर बंधा जा
धीर बंधा जा मुख दिखला जा
नट नागर सांवरिया रे
बृज में अकेली राधे खोई-खोई फिरे
ओ राधे खोई-खोई फिरे
ओ कान्हा आन मिलो
आन मिलो आन मिलो श्याम सांवरे आन मिलो
…………………………………………..
Aan milo aan milo Shyam-Devdas 1955

Artists:Dulari, a baby, a babaji

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP