दिल आज शायर है-गैम्बलर १९७१
किशोर कुमार का गाया गीत ही लगता है. वैसे तो फिल्म के
और भी गीतों ने तहलका मचाया था मगर ये सबसे ज्यादा
सुनाई दिया अभी तक.
अच्छे गीतों में गलतियाँ नहीं निकाली जातीं इसलिए गीत की
एक पंक्ति में हम और मैं शब्द के एक साथ प्रयोग को हम भी
नज़र अंदाज़ करते हुए इसे बरसों से सुन रहे हैं. फिल्म का हीरो
पैसे वाला अर्थात रईस बन चुका है, वो कुछ भी कर सकता है.
नीरज के लिखे गीत की तर्ज़ बनाई है एस डी बर्मन ने.
गीत के बोल:
दिल आज शायर है ग़म आज नग़मा है
शब ये ग़ज़ल है सनम
दिल आज शायर है ग़म आज नग़मा है
शब ये ग़ज़ल है सनम
गैरों के शेरों को ओ सुनने वाले
हो इस तरफ़ भी करम
आ के ज़रा देख तो तेरी खातिर
हम किस तरह से जिये
आ के ज़रा देख तो तेरी खातिर
हम किस तरह से जिये
आँसू के धागे से सीते रहे हम
जो ज़ख्म तूने दिये
चाहत की महफ़िल में ग़म तेरा लेकर
क़िस्मत से खेला जुआ
दुनिया से जीते पर तुझसे हारे
यूँ खेल अपना हुआ
है प्यार हमने किया जिस तरह से
उसका न कोई जवाब
है प्यार हमने किया जिस तरह से
उसका न कोई जवाब
ज़र्रा थे लेकिन तेरी लौ में जल कर
हम बन गये आफ़ताब
हमसे है ज़िंदा वफ़ा और हम ही से
है तेरी महफ़िल जवाँ
हम जब न होंगे तो रो रो के दुनिया
ढूँढेगी मेरे निशां
रे प्यार कोई खिलौना नहीं है
हर कोई ले जो खरीद
रे प्यार कोई खिलौना नहीं है
हर कोई ले जो खरीद
मेरी तरह ज़िन्दगी भर तड़प लो
फिर आना इसके करीब
हम तो मुसाफ़िर हैं कोई सफ़र हो
हम तो गुज़र जाएँगे ही
लेकिन लगाया है जो दांव हमने
वो जीत कर आएँगे ही
वो जीत कर आएँगे ही
वो जीत कर आएँगे ही
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Dil aaj shayar hai-Gambler 1971
Artists: Dev Anand, Zahida

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