मेघा रे मेघा रे-प्यासा सावन १९८१
कर हम कह सकते हैं. सन १९४० में उससे भी सिंपल था जैसा कि
पूर्ण चांदीमय बालों के ओनर कहा करते हैं. तो हम सन १९८० पर
बात कर रहे हैं. फिल्म संगीत का कर्णभेदी पहलू अभी सो के उठा
ही था. उस युग में कुछ प्रमुख गायकों के संसार छोड़ने की वजह
से कुछ नए गायकों को अवसर मिलना शुरू हुए. इनमें से एक नाम
है सुरेश वाडकर का.
आज फिल्म प्यासा सावन से एक गीत सुनते हैं लता मंगेशकर और
सुरेश वाडकर का गाया हुआ. संतोष आनंद का गीत है और इस गीत
का संगीत लक्ष्मी प्यारे की देन है.
गीत के बोल:
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
मत परदेस जा रे
आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे
हो ओ ओ ओ ओ
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
मत परदेस जा रे
आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे
हो ओ ओ ओ ओ
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
मत परदेस जा रे
आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे
हो ओ ओ ओ ओ
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
कहाँ से तू आया कहाँ जायेगा तू
के दिल की अगन से पिघल जायेगा तू
धुआँ बन गई है ख़यालों की महफ़िल
मेरे प्यार की जाने कहाँ होगी मंज़िल
हो ओ ओ ओ ओ
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
मेरे ग़म की तू दवा रे दवा रे
आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे
हो ओ ओ ओ ओ
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
बरसने लगी हैं बूँदें तरसने लगा है मन
हो ओ ओ ओ ओ
ज़रा कोई बिजली चमकी लरज़ने लगा है मन
और न डरा तू मुझको ओ काले काले घन
मेरे तन को छू रही है प्रीत की पहली पवन
हो ओ ओ ओ ओ
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
मेरी सुन ले तू सदा रे
आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे
हो ओ ओ ओ ओ
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
मन का मयूरा आज मगन हो रहा है
मुझे आज ये क्या सजन हो रहा है
उमंगों का सागर उमड़ने लगा है
बाबुल का आँगन बिखरने लगा है
न जाने कहाँ से हवा आ रही है
उड़ा के ये हमको लिये जा रही है
ये रुत भीगी भीगी भिगोने लगी है
के मीठे से नश्तर चुभोने लगी है
चलो और दुनिया बसायेंगे हम तुम
ये जन्मों का नाता निभायेंगे हम तुम
हो ओ ओ ओ ओ
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
दे तू हमको दुआ रे
आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे
हो ओ ओ ओ ओ
मे घारे मे घारे मे घारे मे घारे
मेघा रे मेघा रे मेघा रे मेघा रे
……………………………………….
Megha re megha re-Pyasa sawan 1981
Artists: Jeetendra, Mausami Chatterji
0 comments:
Post a Comment