सुहानी चाँदनी रातें-मुक्ति १९७७
गीत फिल्म मुक्ति से. एक आकर्षक धुन में बंधा ये गीत लिखा है
आनंद बक्षी ने. इसके संगीतकार हैं आर डी बर्मन. इस फिल्म के
सभी गीत जनता ने तबियत से सुने हैं.
मुकेश के गए लोकप्रिय गीत जिनका संगीत आर डी बर्मन ने तैयार
किया है कुछ और भी हैं:-
कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार-फिर कब मिलोगी
जिस गली में तेरा घर ना हो बालमा-कटी पतंग
लल्ला लल्ला लोरी-मुक्ति
एक दिन बिक जायेगा-धरम करम
गीत के बोल:
सुहानी चाँदनी रातें हमें सोने नहीं देतीं
सुहानी चाँदनी रातें हमें सोने नहीं देतीं
तुम्हारे प्यार की बातें हमें सोने नहीं देतीं
सुहानी चाँदनी रातें हमें सोने नहीं देतीं
तुम्हारे रेशमी जुल्फ़ों में दिल के फूल खिलते थे
तुम्हारे रेशमी जुल्फ़ों में दिल के फूल खिलते थे
कहीं फूलों के मौसम में हम तुम भी मिलते थे
पुरानी वो मुलाकातें हमें सोने नही देतीं
तुम्हारे प्यार की बातें हमें सोने नहीं देतीं
सुहानी चाँदनी रातें हमें सोने नहीं देतीं
कहीं ऐसा न हो लग जाये दिल में आग पानी से
कहीं ऐसा न हो लग जाये दिल में आग पानी से
बदल ले रास्ता अपना घटाएं मेहरबानी से
के यादों की ये बरसातें हमें सोने नहीं देतीं
तुम्हारे प्यार की बातें हमें सोने नहीं देतीं
सुहानी चाँदनी रातें हमें सोने नहीं देतीं
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Suhani chandni ratein-Mukti 1977
Artists: Shashi Kapoor, Vidya Sinha, Sanjeev Kumar
2 comments:
काफ़ी दिन बाद सुना इसे
किसी कलाकार की छबि के साथ गायक की आवाज़ भी जुड
जाया करती है. शशि कपूर पर उन दिनों किशोर या रफ़ी
के गीत फिल्माया जाते थे. इस फिल्म के लिए संगीतकार
ने मुकेश की आवाज़ चुनी और फिल्म के मुकेश के गाये
दोनों गीत हिट हुए.
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