Feb 10, 2018

वो लम्हें वो बाते-ज़हर २००५

सुनते हैं शकील आजमी की लिखी रचना जिसका संगीत तैयार किया
है मिथुन शर्मा ने जिसे रिक्रीयेट किया है अन्नू मलिक ने, जैसा कि
सब जगह विवरण में मिलता है. . फिल्म का नाम है ज़हर और इसे
आतिफ असलम ने गाया है.

आज कल के गाने का मूड क्या है और कलाकारों के चेहरे पर क्या
भाव हैं, कनेक्ट कर पाना मुश्किल होता है. कॉपी पेस्ट के लिए
इतना विवरण काफी है या और भी दूं?



गीत के बोल:

वो लम्हें वो बाते कोई ना जाने
थी कैसी राते हो बरसाते
वो भीगी भीगी यादें
वो भीगी भीगी यादें

ना मै जानू ना तू जाने
कैसा है ये मौसम कोई ना जाने
कही से यह खिजां आई
गमों की धूँप संग लाई
खफा हो गये हम
जुदा हो गये हम

वो लम्हें वो बाते कोई ना जाने
थी कैसी राते हो बरसाते
वो भीगी भीगी यादें
वो भीगी भीगी यादें

सागर की गहराई से
गहरा है अपना प्यार
सहराओं की इन हवाओं में
कैसे आयेगी बहार
कहाँ से ये हवा आई
घटायें काली क्यों छाई
खफा हो गए हम
जुदा हो गए हम

वो लम्हें वो बाते कोई ना जाने
थी कैसी राते हो बरसाते
वो भीगी भीगी यादें
वो भीगी भीगी यादें
…………………………………………….
Wo lamhe-Zehar 2005

Artists: Emran Hashmi, Shamita Shetty

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