Sep 30, 2018

हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने-फ़र्ज़ १९६७

ये फिल्म फ़र्ज़ का वो गीत है जो जनता की जुबान पे
चढ गया. इसी गाने से हमने फिल्म फ़र्ज़ को पहचाना.
रेडियो के कार्यक्रमों में ऐसे युगल गीतों की फरमाईशें
इतनी क्यूँ आती थीं ये मैं समझ ना पाया वैसे ही
जैसे न्यूटन का सिद्धांत-सेब ऊपर से नीचे ज़मीन पर
ही गिरता है, हवा में क्यूँ नहीं उड़ता ? वो तो फ़िल्मी
सितारे भी बिना हीलियम के हवा में उड़ते रहते हैं और
रिटायरमेंट के बाद धडाम से ज़मीन पर आ गिरते हैं.

गीत आनंद बक्षी का, संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का
और आवाजें है मुकेश और लता की.

फिल्म के निर्देशक है रविकांत नागाईच. कैमरामैन से
निर्देशक बने नागाईच ने कई जासूसी फ़िल्में बनाई
हैं. बनाई से मतलब निर्देशन किया है. प्रोड्यूस तो
ऑफिशियली उन्होंने २ ही पिक्चर की हैं.

अब ये बतलायें कौन कौन सी हिंदी फिल्म में नायक
ने झाडी हिला हिला के गाने गाये हैं. एक ट्रिविया और
है वो ये कि सबसे ज्यादा गुलाबी लिपस्टिक का इस्तेमाल
बबीता ने ही किया है फिल्मों में.



गीत के बोल:

हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने
हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने
चाहे तू माने चाहे न माने
चाहे तू माने चाहे न माने
हम भी ज़माने से हैं तेरे दीवाने
हम भी ज़माने से हैं तेरे दीवाने
चाहे तू माने चाहे न माने
चाहे तू माने चाहे न माने

आई हैं यूं प्यार पे जवानियां अरमां दिल में हैं
दिल मुश्किल में है जान-ए-तमन्ना
तेरे इसी प्यार की कहानियां हर महफ़िल में हैं
सबके दिल में हैं जान-ए-तमन्ना
छेड़ते हैं सब मुझको अपने बेगाने
छेड़ते हैं सब मुझको अपने बेगाने
चाहे तू माने चाहे न माने
चाहे तू माने चाहे न माने

हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने
चाहे तू माने चाहे न माने
चाहे तू माने चाहे न माने

सोचो मोहब्बत में कभी हाथ से दामन छूटे तो
दो दिल रूठे तो तो फिर क्या हो
ऐसा न हो काश कभी प्यार में वादे टूटे तो
दो दिल रूठे तो तो फिर क्या हो
हम तो चले आयें सनम तुझको मनाने
हम तो चले आयें सनम तुझको मनाने
चाहे तू माने चाहे न माने
चाहे तू माने चाहे न माने

हम भी ज़माने से हैं तेरे दीवाने
चाहे तू माने चाहे न माने
चाहे तू माने चाहे न माने

मस्त निगाहों से इस दिल को मस्त बनाये जा
और पिलाये जा प्यार के सागर
दिल पे बड़े शौक से सितमगर ठेस लगाए जा
तीर चलाये जा याद रहे पर
तीर कभी बन जाते हैं खुद निशाने
तीर कभी बन जाते हैं खुद निशाने
चाहे तू माने चाहे न माने
चाहे तू माने चाहे न माने

हम तो तेरे आशिक़ हैं सदियों पुराने
हम भी ज़माने से हैं तेरे दीवाने
चाहे तू माने चाहे न माने
चाहे तू माने चाहे न माने
………………………………………..
Ham to tere aashiq hain-Farz 1967

Artists: Jeetendra,

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