बस अब तरसाना छोडो-संसार १९७१
सुना होगा. वो कुछ अलग तरह का था. ७० के दशक तक
पहुँचते पहुँचते चित्रगुप्त ने भी अपने संगीत में काफी बदलाव
किये. इस बारे में हमने फिल्म परदेसी के गीतों को सुनवाते
वक्त चर्चा की थी.
फिजिक्स का एक फेनोमेना है-म्यूचुअल इंडक्शन. सन १९७१
में शंकर जयकिशन के संगीत वाली काफी सारी फ़िल्में आयीं.
१९७३ तक शंकर जयकिशन की उपस्थिति नियमित रूप से
बनी रही उसके बाद धीरे धीरे उनका काम कम होता चला.
आप आसानी से इस गीत को आँखों आँखों में फिल्म में भी
फिट कर सकते हैं. या यूँ कहें आँखों आँखों में का शीर्षक
गीत को इस फिल्म में. उसके अलावा जो दो संगीतकार और
याद आते हैं इस गीत से वो हैं-आर डी बर्मन और सोनिक-ओमी.
ये कुछ दुर्लभ सा कोम्बिनेशन है-साहिर और चित्रगुप्त का.
गीत गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने और इसे
फिल्माया गया है नवीन निश्चल और अनुपमा ?? पर.
गीत के बोल:
हो हो हो ए हे हे हा हा हा
ए बस अब तरसना छोडो
यूँ ही शरमाना छोडो
बस अब तरसना छोडो
यूँ ही शरमाना छोडो
जो दिल में प्यार का तूफ़ान है
हम जान गए हैं
जो दिल में प्यार का तूफ़ान है
हम जान गए हैं
हमें बहकाना छोडो
जी पीछे आना छोडो
हमें बहकाना छोडो
जी पीछे आना छोडो
तुम्हें जिस चीज़ का अरमान है
हम जान गए हैं
तुम्हें जिस चीज़ का अरमान है
हम जान गए हैं
इतना निखर के कोई आये तो
आये है किसी के लुभाने को
इतना निखर के कोई आये तो
आये है किसी के लुभाने को
तनहा किसी को कोई पाए
तो ना मचले गले से लगाने को
कितना छुपाएँ तेरी झुकती निगाहें
ये किसके क़त्ल का सामान है
हम जान गए हैं
ये किसके क़त्ल का सामान है
हम जान गए हैं
हमें बहकाना छोडो
जी पीछे आना छोडो
तुम्हें जिस चीज़ का अरमान है
हम जान गए हैं
छेड़ो ना हमको हटो जाओ
तुम्हें ऐसा ना था हमने जाना
छेड़ो ना हमको हटो जाओ
तुम्हें ऐसा ना था हमने जाना
छोडो बहाने अजी आओ
भला अपनों से कैसा शरमाना
पकड़ों ना आंचल मेरा जकडो ना बाहें
कि जितनी आपसे पहचान है
हम जान गए हैं
कि जितनी आपसे पहचान है
हम जान गए हैं
बस अब तरसना छोडो
यूँ ही शरमाना छोडो
जो दिल में प्यार का तूफ़ान है
हम जान गए हैं
करनी हैं तुमसे कई बातें
वो जो कानों में कहने वाली हैं
करनी हैं तुमसे कई बातें
वो जो कानों में कहने वाली हैं
जानूं मैं जानूं सभी घातें
वो चालें जो देखी भाली हैं
जुल्फों के नीचे दे दो दिल को पनाहें
ये मुश्किल किस कदर आसान है
हम जान गए हैं
ये मुश्किल किस कदर आसान है
हम जान गए हैं
हमें बहकाना छोडो
जी पीछे आना छोडो
तुम्हें जिस चीज़ का अरमान है
हम जान गए हैं
तुम्हें जिस चीज़ का अरमान है
हम जान गए हैं
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Bas ab tarsana chhodo-Sansar 1971
Artists: Navin Nishchal, Anupama
5 comments:
वाह जी, बप्पी लहरी की याद नहीं आई?
आई थी, बस ५० ग्राम याद आई इसलिए नाम नहीं लिया.
वाह उस्ताद , बढिया ...
वाह , मजा आ गया..
आनंद देने वाला गीत :)
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