जबसे देखा है तुम्हें-दिल आखिर दिल है १९८२
एक युगल गीत सुनते हैं लता मंगेशकर और सुरेश वाडकर
की आवाजों में.
इस गीत को नक्श लायलपुरी ने लिखा है. फिल्म में तीन
गीतकारों की सेवाएं ली गयी हैं-इन्दीवर, नक्श लायलपुरी
और निदा फाज़ली. गीत का संगीत तैयार किया है खय्याम
ने.
गीत नसीरूदीन शाह और परवीन बाबी पर फिल्माया गया
है. नसीरूदीन शाह को अपने कैरियर में मिले कुछ गिने चुने
युगल गीतों में से एक.
गीत के बोल:
जबसे देखा है तुम्हें
ऐसा लगता है मेरे ख्वाब की ताबीर हो तुम
मेरे दिल में जो छुपी थी वही तस्वीर हो तुम
जबसे देखा है तुम्हें
ऐसा लगता है मेरे हाथ की तहरीर हो तुम
मेरे दिल में जो छुपी थी वही तस्वीर हो तुम
हर उजाले में महकती थी तुम्हारी खुशबू
तुम वही हो चमकती थी सितारों की तरह
मैं तो जिस राह से गुजरी हूँ तुम्हें पाया है
तुम मुझे देखते रहते हो नजारों की तरह
जबसे देखा है तुम्हें
ऐसा लगता है मेरे ख्वाब की ताबीर हो तुम
मेरे दिल में जो छुपी थी वही तस्वीर हो तुम
प्यार कोशिश से नहीं मिलता ज़माने में कभी
आप ही आप कोई दिल में उतर जाता है
जब भी दो ख्वाब किसी मोड पे मिल जाते हैं
हर अँधेरे में उजाला सा भर जाता है
जबसे देखा है तुम्हें
ऐसा लगता है मेरे ख्वाब की ताबीर हो तुम
मेरे दिल में जो छुपी थी वही तस्वीर हो तुम
जबसे देखा है तुम्हें
ऐसा लगता है मेरे ख्वाब की ताबीर हो तुम
मेरे दिल में जो छुपी थी वही तस्वीर हो तुम
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Jabse dekha hai tumhen-Dil aakhir dil hai 1982
Artists: Naseruddin Shah, Parveen Babi, Rakhi
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