धड़का तो होगा दिल ज़रूर-सी आई डी ९०९ १९६७
जाते थे। आगे की बेंच पर बैठ के मैंने भी कुछ फ़िल्में देखी।
वहां बैठ के देखने का आनंद बालकनी में बैठे व्यक्ति को नहीं हो
सकता। बड़े परदे पर सभी चीज़ें बड़े अकार की दिखाई देती है।
ऐसे में कोई हिलती डुलती वस्तु जो परदे के एक छोर से दूसरी
छोर की तरफ़ जाए तो उसको देखने के लिए गर्दन भी वैसी ही
घुमाते रहना पड़ता है। इस गीत में मुमताज़ और बेला बोस के
साथ फिरोज खान दिखाई देंगे आपको। लंबे कद वाली नायिका
मुमताज़ हैं । इस गीत को लिखा है अज़ीज़ कश्मीरी ने और धुन
बनाई है ओ पी नय्यर ने। इस गीत में आए शब्द 'ताबेदार' का अर्थ
है-आज्ञाकारी या सेवक।
गीत के बोल:
धड़का तो होगा दिल ज़रूर
किया जो होगा तुमने प्यार
हमसे छुपाओ न हुजुर
हम हैं तुम्हारे ताबेदार
जाने ताबेदार
धड़का तो होगा दिल ज़रूर
किया जो होगा तुमने प्यार
हमसे छुपाओ न हुजूर
हम हैं तुम्हारे ताबेदार
जाने ताबेदार
धड़का तो होगा दिल ज़रूर
किया जो होगा तुमने प्यार
आँखों में तुम्हारी चाहत की तस्वीर लिए
आए हैं,
आए हैं तुम्हारे क़दमों में तकदीर लिए
किस्मत ने कभी मौका जो दिया
दिखलायेंगे हम
दिल चीज़ है क्या
ये जान भी देंगे तुम पे लुटा
धड़का तो होगा दिल ज़रूर
किया जो होगा तुमने प्यार
हमसे छुपाओ न हुजूर
हम हैं तुम्हारे ताबेदार
जाने ताबेदार
ये प्यार हमें लाया है कहाँ मालूम नहीं
कहते हैं, किसे आँखों की ज़बान मालूम नहीं
कातिल है अदा, दुश्मन है नज़र
अब बच के कोई जाए किधर
मरने दो यहीं मरना है अगर
धडक तो होगा दिल ज़रूर
किया जो होगा तुमने प्यार
हमसे छुपाओ न हुजूर
हम हैं तुम्हारे ताबेदार
जाने ताबेदार
धड़का तो होगा दिल ज़रूर
किया जो होगा तुमने प्यार
इस दिल से कोई इकरार तो कर
ऐ जाने वफ़ा
थोड़ा ही सही
थोड़ा ही सही प्यार तो कर
ऐ जाने वफ़ा
किस्मत ने कभी मौका जो दिया
दिखलायेंगे हम दिल चीज़ है क्या
ये जान भी देंगे तुम पे लुटा
धडक तो होगा दिल ज़रूर
किया जो होगा तुमने प्यार
हमसे छुपाओ न हुजूर
हम हैं तुम्हारे ताबेदार
जाने ताबेदार
धड़का तो होगा दिल ज़रूर
किया जो होगा तुमने प्यार
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Dhadka to hoga dil zaroor-CID 909 1967
Artists: Bela Bose, Mumtaz, Feroz Khan
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