अंखियों में छोटे छोटे सपने २ -नौकर १९७९
फ़िल्म संगीत के खजाने में लोरियां भी हैं।
ये फ़िल्म नौकर की लोरी है जिसे किशोर कुमार गा
रहे हैं। परदे पर कलाकार हैं संजीव कुमार। मैं
संजीव कुमार कीअभिनय से बहुत प्रभावित रहा।
देखिये लोरी और आनंद उठायें एक आकर्षक धुन का।
बोल लिखे हैं मजरूह ने और संगीत है आर डी बर्मन का।
गीत के बोल:
अंखियों में छोटे छोटे सपने सजाये के
बहोयों में निंदिया के पंख लगाये के
चन्दा में झूले मेरी बिटिया रानी
चांदनी रे झूम
हो, चांदनी रे झूम
ये ही तो कली है प्यारी मेरी सारी बगिया में
हो, ये ही तो कली है प्यारी मेरी सारी बगिया में
मैंने यही मोती पाया जीवन नदिया में
ममता लुटाऊँ ऐसी मच जाए धूम
चांदनी रे झूम
हो, चांदनी रे झूम
अंखियों में छोटे छोटे सपने सजाये के
बहोयों में निंदिया के पंख लगाये के
चन्दा में झूले मेरी बिटिया रानी
चांदनी रे झूम
हो, चांदनी रे झूम
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