आ मेरे हमजोली आ-जीने की राह १९६९
जीने की राह फिल्म जो सन १९६९ में आई थी, में कुछ लोकप्रिय गीत हैं।
जी हाँ ये वही गीत हैं जिसके बोल इस प्रकार सुनाई देते हैं- मियाऊँ , मियाऊँ।
क्यूँ सुनाई देते हैं इसके लिए गीत सुनिए। जैसा की हिंदी गीतों में होता आया है
की नायक नायिका ख्यालों में खो जाते हैं, (क्यूँ ना हो ये सफल फार्मूला जो है फिल्मों
का) इस गीत में भी व्हील चेयर पर बैठी नायिका और भ्रमित, अचंभित सा बैठा नायक
दोनों गीत का आनंद लेते लेते खुद नाचने का आभास करने लगते हैं। नायिका का
केश विन्यास अनूठा है जिसको देख कर पगोडा की आकृति ध्यान में आती है।
गीत के अंत में बिना किसी दावा के जादुई छड़ी के असर से नायिका कुर्सी से उठ के
नाचने लगती है। किसी जगह पर एक संगीत प्रेमी ने लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल के
संगीत पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि उनके डांस संगीत में दवाई का असर है जिससे
अपाहिज व्यक्ति ठीक हो सकता है। संभव है ऐसा हो ! जब हिंदी फिल्मों का हीरो बिना
चूरन खाए ३०० फीट ऊंची दीवार फांद सकता है तो कुछ भी संभव है फिल्मों में । उसमे
लता, रफ़ी, आनंद बक्षी और लक्ष्मी प्यारे क्या कर लेंगे।
गीत के बोल
हो ओ, हो ओ ओ
हो ओ, हो ओ ओ
आ मेरे हमजोली आ
खेलें आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में
बागों में बहारों में, हो
ओ मैं ढूँढू तू छुप जा
आ मेरे हमजोली आ
खेले आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में
बागों में बहारों में, हो
मैं ढूँढू तू चुप जा
मैं आऊं
ना ना
मैं आऊं
ना ना ना
आऊँ
ना
मैं आऊं
आ जा
पीपल के ऊपर जा बैठा
चुप से मेरा साथी
धक् से लेकिन धड़क गया दिल
गिर गयी हाथ से लाठी
ओ पकड़ा गया
ओ पकड़ा गया
मैं आऊं
ना ना
मैं आऊं
ना ना ना
आऊं
ना
मैं आऊं
आ जा
पनघट के पीछे जा बैठी
ओ छुप के मेरी सजनिया
झन से लेकिन अनजाने में
झनक गयी पैजनिया
ओ पकड़ी गयी
ओ पकड़ी गयी
आ मेरे हमजोली आ
खेलें आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में
बागों में बहारों में
हो
मैं ढूँढू तू चुप जा
मैं आऊं
ना ना
मैं आऊं
ना ना ना
आऊं
ना
मैं आऊं
आ जा
ओ मेरे नैनों से तू छुप सकता है
ओ मेरे रसिया
लेकिन मेरे मन से छुपना मुश्किल है
मन बसिया
ए पकड़ा गया
ओ पकड़ा गया
मैं आऊं
ना ना
मैं आऊं
ना ना ना
आऊं
ना
मैं आऊं
आ जा
काहे लुकछुप के खेल में छेड़े तू
प्रेम की बतियाँ
देख तमाशा देख रहीं हैं
सारे शहर की अँखियाँ
ए पकड़ी गयी
ओ पकड़ी गयी
आ मेरे हमजोली आ
खेले आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में
बागों में बहारों में, हो
ओ मैं ढूंढूं तू छुप जा
आ मेरे हमजोली आ
खेले आँख मिचोली आ
गलियों में चौबारों में
बागों में बहारों में, हो
मैं ढूँढू तू चुप जा
मैं ढूँढू तू चुप जा
मैं ढूँढू तू चुप जा
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