तुमसे दूर चले-प्यार की राहें १९५९
समय समय पर हिंदी फिल्म संगीत के दरवाजे पर गुमनाम से लोगों ने
भी दस्तक दी है। ऐसा ही एक नाम है कनु घोष जिन्होंने १९५९ की फिल्म
प्यार की राहें का संगीत तैयार किया था। गीत लिखा है थोडा पहचाने से
नाम-प्रेम धवन ने। गायक ज़रूर नामचीन हैं इस गीत के-हेमंत कुमार और
लता मंगेशकर। प्रदीप कुमार और अनीता गुहा अभिनीत और लेखराज भाकरी
निर्देशित फिल्म कब आई कब गई शायद फिल्म के नायक नायिका को भी
याद नहीं रहा होगा।
मैंने आपसे ३ पोस्ट पहले वादा किया था इसलिए आपको काले-पीले(श्वेत-श्याम)
युग की ओर लेकर आया हूँ।
गीत के बोल:
तुम से दूर चले
हम मजबूर चले
प्यार भरे दिल मिल ना सके
नील गगन के तले
नील गगन के तले
तुम से दूर चले
हम मजबूर चले
प्यार भरे दिल मिल ना सके
नील गगन के तले
नील गगन के तले
ना तेरी खता ना मेरी खता
ये है किस्मत के खेल
तुम भी चाहो हम भी चाहें
हो ना सके पर मेल
मैं मजबूर हुयी
तुमसे दूर हुयी
रूठी हुयी तकदीर के आगे
किसका जोर चले
किसका जोर चले
सुख चैन गया अरमान लूटे
इस प्यार की राहों में
ओ प्रीत मेरी ओ गीत मेरे
ढल गए आहों में
तुम बिन राह ना सकूं
पर कुछ कह ना सकूं
लोक लाज के घूंघट में
रो रो कोई जले
रो रो कोई जले
तुम से दूर चले
हम मजबूर चले
प्यार भरे दिल मिल ना सके
नील गगन के तले
नील गगन के तले
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