जाने जाना जाओ कल फिर आना-समाधि १९७२
-काँटा लगा. अब सुनते हैं एक और चर्चित गीत जिसका कि
इन्स्ट्रुमेन्टल वर्ज़न ज्यादा लोकप्रिय हुआ था. ये है धर्मेन्द्र
और जा भादुडी पर फिल्माया गया गीत जिसे किशोर ने
गाया है.
फिल्म में धर्मेन्द्र की दोहरी भूमिका है. यह दूसरी पीढ़ी है
जिसका फिल्म के टाइटल से कोई लेना देना नहीं है. रोमांस
हो रहा है इस गीत में. काफी रंग बिरंगा गीत है. कारें कई
तरह की हैं, नायक नायिका के ड्रेसेज़ भी रंग बिरंगे हैं. उस
समय कोस्ट्यूम डिजाइनर पर कोई ध्यान नहीं देता था. ये
तय है उस कोस्ट्यूम डिजाइनर का भविष्य उज्जवल अवश्य
हुआ होगा.
गीत मजरूह का है और संगीत आर डी बर्मन का. गीत की
सबसे उल्लेखनीय बात ये है कि इसमें धर्मेन्द्र ने डांस करने
की पुरजोर कोशिश की है.
गीत के बोल:
जाने जाना जाओ कल फिर आना
यूँ ही किसी मोड़ पे मिल जाना
जाने जाना जाओ कल फिर आना
यूँ ही किसी मोड़ पे मिल जाना
अब याद रखना राह ये दिलबर
लूटा है इस पे तुमने बहार में
कब तक यहीं पर आँख बिछाए
बैठा रहूँगा मैं इंतज़ार में
जाओ करो न बेक़ल
दिल रहा है मचल
बाक़ी बातें होंगी कल
अभी क्या कहूँ
जाने जाना जाओ कल फिर आना
यूँ ही किसी मोड़ पे मिल जाना
थोड़ी अभी तो नज़र झुकाओगी
थोड़ा अभी शरमाओगी तुम
पहला ही दिन है अपने मिलन का
दो चार दिन में खुल जाओगी तुम
इसे कहते हैं प्यार सिखाऊँगा
मैं यार हूँ तुम्हारा दावेदार
आगे क्या कहूँ
जाने जाना जाओ कल फिर आना
यूँ ही किसी मोड़ पे मिल जाना
पागल कहो तुम हँस कर मुझको
या दिल ही दिल में दीवाना समझो
पर ये तुम्हारी ऐसी अदा है
अपने किसी को बेगाना समझो
न समझ में हो कम न उमर में
हो कम अब तुमसे सनम
मैं भी क्या कहूँ
जाने जाना जाओ कल फिर आना
यूँ ही किसी मोड़ पे मिल जाना
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Jaana jaana jao kal fir aana-Samadhi 1972
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