Dec 25, 2016

और वक्त की हेराफेरी है-हेरा फेरी १९७६

अपने ज़माने का आनंददाई और आम जनता का पसंदीदा गीत
पेश है आज. ये युगल गीत है किशोर और महेंद्र कपूर का. फिल्म
हेरा फेरी का गीत काफी चर्चित रहा एक समय. इसमें आपको कई
कटाक्ष मिल जायेंगे समाज पर, व्यवस्था पर और मनुष्य पर.

कुछ गीत ऐसे हैं जो किसी भी दौर की अवस्था पर फिट बैठते हैं.
जमाखोरी और कालाबाजारी आज भी जारी है और जब तक मनुष्य
के मन में लालच रहेगा ये किंचित मात्रा में होती रहेगी.

गीत गरीबों को ज्यादा आनंदित करता है. अनजान का लिखा गीत
कल्याणजी आनंदजी ने संगीत से सजाया है.





गीत के बोल:


कल तक रब को भूला था भूला थ
अरे कल तक रब को भूला था
अरे अब नाम लगा है रटने
जब माल लगा है घटने लगा कलेजा फटने
तो खैरात लगी है बंटने
पर चिंता की कोई बात नहीं
नहीं हम हैं तेरे साथ बिलकुल
अरे पहुंचा देंगे उसके कानों तक हम ये तेरी बात
क्यूँकि दरबार में ऊपर वाले के
दरबार में ऊपर वाले के
अंधेर नहीं पर देरी है
अंधेर नहीं पर देरी है
दरबार में ऊपर वाले के अंधेर नहीं पर देरी है
दरबार में ऊपर वाले के अंधेर नहीं पर देरी है
तकदीर का सारा खेल है ये
तकदीर का सारा खेल है ये
और वक्त की हेराफेरी है
और वक्त की हेराफेरी है
और वक्त की हेराफेरी है

तुझे जितना प्यार है दौलत से
हाँ जी दौलत से
उतना तू अगर दाता से कहे
उतना तू अगर दाता से कहे
तो हर मुश्किल हर गम प्यारे
रहें तुझसे हमेशा परे परे
रहें तुझसे हमेशा परे परे
तू छोड़ दे दौलत का चक्कर
तू छोड़ दे दौलत का चक्कर
ये तेरी है न मेरी है
ये तेरी है न मेरी है
मेरी है जी तेरी है तेरी है जी मेरी है
मेरी है जी मेरी है मेरी है जी मेरी है
मेरी है मेरी है मेरी है
तेरी है न मेरी है
सब वक्त की हेराफेरी है

सोना चांदी हीरे मोती
रह जायेंगे धरे तिजोरी में
रह जायेंगे धरे तिजोरी में
उसे खबर है तूने क्या रखा
गोदाम की हर एक बोरी में
गोदाम की हर एक बोरी में
ये माया साथ ना जायेगी
ये माया साथ ना जायेगी
ये माया पाप की ढेरी है
ये माया पाप की ढेरी है 
तकदीर का सारा खेल है ये
और वक्त की हेराफेरी है
और वक्त की हेराफेरी है

तू लालच ना कर ज्यादा का ज्यादा का
खुद खा औरों को खाने दे
खुद खा औरों को खाने दे
जितना आता है आने दे आने दे
जितना जाता है जाने दे
जितना जाता है जाने दे
जाने दे तू जाने दे आने दे तू आने दे
आने दे रे आने दे आने दे आने दे
आने दे आने दे

संतों की बातें मान भी ले
संतों की बातें मान भी ले
इस में ही भलाई तेरी है
इस में ही भलाई तेरी है
ये वक्त की हेराफेरी है
ये वक्त की हेराफेरी है

मालूम उसे बंदे की जात तेरे काले धंधे की बात
तेरे काले धंधे की बात
तेरे दो हैं उसके लाख हाथ
उसके आगे तेरी क्या बिसात
उसके आगे तेरी क्या बिसात
वो चाहे तो कर सकता है
वो चाहे तो कर सकता है
तेरी रात को दिन और दिन को रात
तू डाल डाल वो पात पात
तू डाल डाल वो पात पात
लगता है दूर है साथ साथ
तू शेर समझता है खुद को
तू शेर समझता है खुद को
ऊपर वाला पंसेरी है
ऊपर वाला पंसेरी है
ये वक्त की हेराफेरी है
ये वक्त की हेराफेरी है
ये वक्त की हेराफेरी है
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Waqt ki hera pheri hai-Hera Pheri 1976

Artists: Vinod Khanna, Amitabh Bachchan

1 comments:

चिपकू रिपोर्टर,  April 19, 2020 at 4:17 AM  

खूबसूरत गीत

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