दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम-आखिर क्यों १९८५
कार्यक्रम आया करता था-चित्रहार. चैनल भी एक होता था डीडी
कृषि दर्शन कार्यक्रम जनता बड़े चाव से देखा करती थी. मूली
गाजर की खेती की विधियाँ जनता इतने ध्यान से देखा करती
मानो केवल लगातार स्क्रीन को घूरने से ही टी वी के डब्बे से
सब्जियां टपकना शुरू हो जाएँगी.
चित्रहार में एक गीत खूब दिखाया जाता वो है आखिर क्यूँ फिल्म
का ये गीत. लता मंगेशकर और अमित क्युमार का गाया यह
गीत स्मिता पाटिल और राजेश खन्ना पर फिल्माया गया है.
गीत में राकेश रौशन और टीना मुनीम भी दिखलाई दे रहे हैं.
राजेश रौशन ने भी कुछ ऐसे गीत बनाये हैं जो हिंदी फिल्म
संगीत के इतिहास के सर्वाधिक लोकप्रिय गीत हैं. फिल्म में
स्मिता पाटिल ने यादगार भूमिका निभाई है और फिल्म उनके
किरदार के इर्द गिर्द ही घूमती प्रतीत होती है. फिल्म के शीर्षक
का अर्थ फिल्म के आखिरी सीन में प्रकट होता है.
गीत के बोल:
दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है
दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है
उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है
दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है
उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है
तूफ़ान में हमको छोड़ के साहिल पे आ गए
तूफ़ान में हमको छोड़ के साहिल पे आ गए
साहिल पे आ गए
नाखुदा का
नाखुदा का हमने जिन्हें नाम दिया है
उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है
दुश्मन न करे ओ ओ ओ ओ ओ
पहले तो होश छीन लिए ज़ुल्म-ओ-सितम से
पहले तो होश छीन लिए ज़ुल्म-ओ-सितम से
ज़ुल्म-ओ-सितम से
दीवानगी का
दीवानगी का फिर हमें इलज़ाम दिया है
उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है
दुश्मन न करे ओ ओ ओ ओ ओ
अपने ही गिराते हैं नशेमन पे बिजलियाँ
अपने ही गिराते हैं नशेमन पे बिजलियाँ
नशेमन पे बिजलियाँ
गैरों ने आ के
गैरों ने आ के फिर भी उसे थाम लिया है
उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है
दुश्मन न करे ओ ओ ओ ओ ओ
बन के रकीब बैठे हैं वो जो हबीब थे
बन के रकीब बैठे हैं वो जो हबीब थे
वो जो हबीब थे
यारों ने खूब
यारों ने खूब फ़र्ज़ को अंजाम दिया है
उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है
दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है
उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है
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Dushman na kare dost ne-Aakhir kyon 1985
Artists: Smita Patil, Rajesh Khanna
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