ओ निगाहे मस्ताना-पेइंग गेस्ट १९५७
पेइंग गेस्ट. देव आनंद और नूतन अभिनीत इस फिल्म के
गीत लाजवाब हैं. लाजवाब होने की बराबर वजहें हैं-एक तो
गीत के बोल बढ़िया हैं और धुनें भी एक से बढ़ कर एक
हैं.
फिल्म का निर्देशन सुबोध मुखर्जी ने किया था और निर्माण
संस्था का नाम है फिल्मिस्तान. फिल्मिस्तान की सन १९५७
में अभिमान, बड़े सरकार, चम्पाकली, पेइंग गेस्ट, तुमसा नहीं
देखा और जामन फ़िल्में आयीं. चम्पाकली का लता का
गया एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ. फिल्म तुमसा नहीं देखा
फिल्म के गाने भी खूब चले.
गीत के बोल:
ओ निगाह-ए-मस्ताना
देख समां है सुहाना
तीर दिल पे चला के
आ ज़रा झुक जाना
ओ निगाह-ए-मस्ताना
देख समां है सुहाना
तीर दिल पे चला के
आ ज़रा झुक जाना
ओ निगाह-ए-मस्ताना
कोई देखे नशीले आँखें मल मल के
दिल कैसे बने न दीवाना
शम्मा करे है इशारे जब जल जल के
कहो क्या करे परवाना
ओ निगाह-ए-मस्ताना
देख समां है सुहाना
तीर दिल पे चला के
आ ज़रा झुक जाना
ओ निगाह-ए-मस्ताना
दामन न बचाना मेरे हाथों से
शरमा के गले से लग जाना
जले चाँद सितारे जिन बातों से
सुन जा वही अफ़साना
ओ निगाह-ए-मस्ताना
देख समां है सुहाना
तीर दिल पे चला के
आ ज़रा झुक जाना
ओ निगाह-ए-मस्ताना
बस्ती के दियों को बुझ जाने दे
लहरा के न रुक रुक जाना
चाहत का लबों पे नाम आने दे
यही प्यार का है ज़माना
ओ निगाह-ए-मस्ताना
देख समां है सुहाना
तीर दिल पे चला के
आ ज़रा झुक जाना
ओ निगाह-ए-मस्ताना
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O nigah-e-mastana-Paying guest 1957
Artists: Dev Anand, Nutan
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