तुमसे ही मेरी ज़िंदगी-अपना घर १९६०
एक युगल गीत मुकेश और गीता दत्त का गाया हुआ. सन १९६०
की फिल्म अपना घर के लिए इसे लिखा प्रेम धवन ने और इसकी
धुन तैयार की संगीतकार रवि ने.
फिल्म शबनम के गीत ‘किस्मत में बिछडना था’ और बावरे नैन के
गीत ‘ख्यालों में किसी के’ काफी लोकप्रिय गीत हैं जहाँ तक मुकेश
और गीता दत्त के गाये युगल गीतों का सवाल है. इन दोनों के गाये
युगल गीत लगभग १५-२० की संख्या में हैं. प्रस्तुत गीत भी लोकप्रिय
है जिसे आप लंबे समय तक सुन सकते हैं.
गीत के बोल:
तुमसे ही मेरी ज़िंदगी मेरी बहार तुम
तुमसे ही मेरी ज़िंदगी मेरी बहार तुम
अपने ही दिल से पूछ लो किसका हो प्यार तुम
तुम से ही मेरी ज़िंदगी
गाती हुई हवाओं में तेरा ही गीत है
तेरा ही गीत है
साजन मेरे निगाहों में तेरी ही प्रीत है
तेरी ही प्रीत है
चंदा का रूप चाँदनी मेरा श्रृंगार तुम
तुमसे ही मेरी ज़िंदगी
ये मुस्कुराता आसमान ये झूमती ज़मीं
ये झूमती ज़मीं
मुझको ज़रा संभालना खो जाऊँ ना कहीं
खो जाऊँ ना कहीं
ऐसे में अपना कह भी दो बस एक बार तुम
तुमसे ही मेरी ज़िंदगी
आती है ऐसी प्यार की घड़ियाँ नसीब से
घड़ियाँ नसीब से
ये दिल की धड़कनें ज़रा सुन लो क़रीब से
सुन लो क़रीब से
आये हो ले के प्यार के सपने हज़ार तुम
अपने ही दिल से पूछ लो किसका प्यार हो तुम
तुमसे ही मेरी ज़िंदगी
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Tumse hi meri zindagi-Apna ghar 1960
Artists: Premnath, Shyama
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