Dec 23, 2019

या हुस्न रहे या-बेरहम १९८०

फ़िल्मी कव्वाली सुने बहुत दिन हो गए. अधिकांश
में हुस्न और इश्क मसला होता है. एक और सुन
लेते हैं आज.

परदे पर इसे कादर खान और मौसमी चटर्जी गा रहे
हैं. शत्रुघ्न सिन्हा, रीना रॉय और कष्टों मुखर्जी भी
नज़र आयेंगे.

बोल वर्मा मलिक के हैं और संगीत लक्ष्मी-प्यारे का.
आशा भोंसले और महेंद्र कपूर ने इसे गाया है.

टी वी चैनलों पर चर्चा के साथ गाजे बाजे वाले भी
होना चाहिए तो मनोरंजन भरपूर होगा. वाद कब पाद
में तब्दील हो जाता है पता ही नहीं चलता.





गीत के बोल:

हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ ओ
हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ हो हो हो हो हो

हुस्न एक उलटी राह है
हुस्न एक झूठी चाह है
हुस्न तो एक गुनाह है
हुस्न करता कबाब है

इस हुस्न के नखरे नाज़-ओ-नज़ाकत
हुस्न के नखरे नाज़-ओ-नज़ाकत
इस हुस्न के नखरे ओ नखरे
हुस्न के नख़रे नाजो नजाकत
रोज रोज अब कौन सहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें
या हुस्न रहे या इश्क़ रहे
हम आज ये किस्सा ख़तम करें

खुद धोखा दग़ा फ़रेब करें
खुद धोखा दग़ा फ़रेब करें
खुद धोखा दग़ा फ़रेब करें
इलज़ाम ये हुस्न पे देता रहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें
या हुस्न रहे या इश्क़ रहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा ख़तम करें

एक दिन देखा
हो एक दिन देखा दर्द का मारा
इक आशिक मस्ताना
जंगल जंगल मारा मारा
फिरता था दीवाना
फिरता था दीवाना

मुझको देख के कहने लगा
हो मुझको देख के कहने लगा
अरे सुन ले मेरा अफ़साना
हर आशिक़ के घर घर में
पैगाम मेरा पहुंचाना
के हुस्न को इतना लूटो मारो
के हुस्न को इतना लूटो मारो
सारी उम्र ही रोता रहे

हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें

हमारी भी सुनो
हमारी भी सुनो
लैला की जब कब्र पे चल कर
इक हसीना आई
रो के लिपट के कहने लगी
आहे रो के लिपट के कहने लगी
आहे रो के लिपट के कहने लगी
ए लैला तेरी दुहाई
कैसे बदला लूं इनसे
आहे कैसे बदला लूं इनसे
हर आशिक़ है हरजाई
तो कब्र से लैला की रूह ने
यही आवाज़ लगाईं
निकल पड़ो अब तान के सीना
दोनों में से एक रहे

हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें
या हुस्न रहे या इश्क़ रहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा ख़तम करें

इनका हर दौर देखा इनका हर तौर देखा
आहे इनका हर दौर देखा इनका हर तौर देखा
हो सलमा या सुलेखा है सब धोखा ही धोखा
इनका हर दौर देखा इनका हर तौर देखा
यहाँ से और वहां से पूछ लो तुम जहां से
वफ़ा के देते झांसे ख़ासे पलट देते है पासे
तरन्नुम इनके झूठे तबस्सुम इनके झूठे
तकल्लुम इनके झूठे मरासिम इनके झूठे
आहे छलावा है छलवा भुलावा है भुलवा
इनकी उल्फ़त का दावा दिखावा है दिखावा

तुम बन ठन के न निकलो
तो ये दिल न फिसले
एक बार मरम्मत होगी
तो फिर दिल न मचले

इश्क़ हुस्न का दुश्मन है
इश्क़ हुस्न का दुश्मन है
कोई इसके भरोसे न रहे

हम आज ये किस्सा खत्म करें
अरे क्या बात है
हम आज ये किस्सा खत्म करें
या हुस्न रहे या इश्क़ रहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें
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Ya husn rahe ya-Beraham 1980

Artists: Kadar Khan, Mausmi Chatterji

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